Electoral Bond News: इलेक्टोरल बॉन्ड के मामले में सुप्रीम कोर्ट से देश की सबसे बड़ी बैंकिंग संस्था स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को तगड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने एसबीआई की याचिका खारिज करते हुए कहा है कि अगर आदेश नहीं माना गया तो अवमानना का मामला दर्ज होगा. 


सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यूपी में कांग्रेस नेता दानिश अली ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट किया है. उन्होंने लिखा- दाल में कुछ काला है या पूरी दाल ही काली है? आज के डिजिटल इंडिया के दौर में कोई भी जानकारी 26 मिनट में दी जा सकती है लेकिन #SBI आज 26 दिन गुज़रने के बाद भी बहाने बना रहा है. #electoralbonds का सच बताने के लिए उसे और समय चाहिए, अपने आक़ाओं को जो बचाना है.


Lok Sabha Election: BJP के खिलाफ कितना मजबूत होगा BSP, सपा और कांग्रेस का गठबंधन? देखें क्या कहते हैं 2019 के आंकड़े



आपने क्या कदम उठाए हैं: न्यायालय ने एसबीआई से पूछा
सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) से सोमवार को पूछा कि उसने चुनावी बॉन्ड योजना को पिछले महीने रद्द किए जाने से पहले राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए बॉन्ड संबंधी जानकारी उपलब्ध कराने के लिए अभी तक क्या कदम उठाए हैं.


प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने अहम सुनवाई की शुरुआत करते हुए कहा कि उसने SBI से न्यायालय के निर्णय के तहत ‘स्पष्ट खुलासा’ करने को कहा था.


इस पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं.


पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए केंद्र की चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था और इसे ‘असंवैधानिक’ करार देते हुए निर्वाचन आयोग को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का 13 मार्च तक खुलासा करने का आदेश दिया था.


पीठ ने कहा, ‘पिछले 26 दिन में आपने क्या कदम उठाए हैं? आपकी अर्जी में इस बारे में कुछ नहीं बताया गया.’


उसने कहा कि SBI को सिर्फ सीलबंद लिफाफा खोलना है, विवरण एकत्र करना है और निर्वाचन आयोग को जानकारी देनी है.