गाजियाबाद: अब राशन की दुकान पर बिजली या टेलीफोन का बिल उपभोक्ता जमा कर सकते हैं. इसकी शुरुआत गाजियाबाद में कर दी गई है. इस योजना के चलते जहां एक तरफ उपभोक्ता बिजली घर पर लगने वाली लंबी लाइन से बच सकेंगे वहीं वह समय पर भी भुगतान कर सकेंगे.


उधर जिस राशन की दुकान पर भुगतान किया जा रहा है. उस राशन डीलर को भी कमीशन मिलेगा इसकी पूरी तैयारी गाजियाबाद प्रशासन ने कर ली है. कोरोना से जंग लड़ने में भी ये कारगर होगा. इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए गाजियाबाद की जिला आपूर्ति अधिकारी सीमा त्यागी ने बताया कि सरकार ने राशन डीलर को अलग से लाभ पहुंचाए जाने और उपभोक्ताओं को लंबी लाइन से बचने के लिए और समय पर भुगतान किए जाने के उद्देश्य से एक विशेष योजना तैयार की है.


बिजली घर पर लगने वाली लंबी लाइन में से बचा जा सकेगा


जिसके चलते अब सभी उपभोक्ता राशन डीलर के यही बिजली और टेलीफोन का भुगतान कर सकेंगे इसके लिए राशन डीलरों को दी गई अंगूठा लगाने वाली मशीन के अंदर ही इस तरह का सॉफ्टवेयर डाला जाएगा. जिससे राशन लेने के लिए आने वाला हर उपभोक्ता अपने टेलीफोन और बिजली का बिल वही जमा करा सकता है. इससे उपभोक्ताओं को सबसे बड़ा लाभ यह मिलेगा कि उन्हें बिजली घर पर लगने वाली लंबी लाइन में नहीं  लगना पड़ेगा.


वहीं वह अपने बिल का भुगतान समय की बचत करते हुए समय से ही कर पाएगा और उसे कैश बैक भी मिलेगा. इसके अलावा राशन डीलर को भी इन सभी भुगतान  का कमीशन मिलेगा. उन्होंने बताया कि इसके लिए विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है सभी राशन डीलर को इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है और अब राशन की दुकान पर ही सभी उपभोक्ता इस सुविधा का लाभ ले सकेंगे.


सरकार के इस फैसले से कोटेदारों की आमदनी भी बढ़ेगी- सुनील 


वहीं, उचित दर की दुकान मालिक सुनील का कहना है कि सरकार का यह निर्णय बहुत ही अच्छा है इसे कोटेदारों की आमदनी भी  बढ़ेगी. सरकार के चलाई जा रही योजना को लोग बेहद उचित मान रहे हैं. लोगों का मानना है कि इस योजना के चलते सभी उपभोक्ताओं के समय की भी बचत होगी सोशल डिस्टेंसिंग  भी बरकरार रहेगी जिससे कोरोना संक्रमण से भी बचा जा सकता है. वहीं राशन डीलरों को भी अलग से लाभ प्राप्त होगा उधर इन विभागों का भुगतान भी समय से ही प्राप्त हो पाएगा.


सरकार और प्रशासन पूर्ण रूप से इस बात की तैयारी कर रहा है कि किसी भी तरीके से कोरोना वायरस से जंग लड़ी जा सके जिससे निश्चित रूप से उपभोक्ताओं का फायदा होगा क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहेगी. साथ ही लॉकडाउन के दौरान लोगों को आर्थिक नुकसान हुआ था ऐसे में कोटेदारों की भी आर्थिक नुकसान की भरपाई होनी संभव है.


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