आजमगढ़: बिजली कर्मियों के आंदोलन से बीते 40 घंटे से विद्युत आपूर्ति ठप, लोगों के घरों में पानी नहीं, जनता सड़कों पर उतरी
यूपी में बिजली कर्मचारियों के आंदोलन के चलते अब आम जनता की दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं. पूर्वी उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और गाजीपुर में विद्युत आपूर्ति तकरीबन ठप हो गई है. कई इलाके अंधेरे में हैं.
आजमगढ़. उत्तर प्रदेश में निजीकरण के विरोध में कई शहरों में बिजली कर्मचारी कार्य बहिष्कार और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. आजमगढ़ जिले में कर्मचारी आंदोलन कर रहे हैं जिसके चलते यहां अधिकतम इलाकों में बिजली आपूर्ति ठप हो गई. शहर में लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों के घरों में पानी भी खत्म हो गया है, जिससे आक्रोशित लोग सड़कों पर उतर आये हैं. आजमगढ़ शहर के ज्यादातर इलाकों में पिछले 40 घंटे से बिजली आपूर्ति ठप है.
इस बीच भारत रक्षा दल की महिला कार्यकर्ताओं ने चूड़ी-बिंदी, बाल्टी लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना शुरू कर दिया. उनका कहना है कि हमें तत्काल बिजली मुहैया कराई जाए, नहीं, तो हम लोग जिले के जिम्मेदार अधिकारियों के घरों पर डटे रहेंगे और वहीं पर खाने-पीने और नहाने की व्यवस्था की मांग करेंगे.
गाज़ीपुर में भी लोगों को हो रही है परेशानी
बिजली विभाग के द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने की वजह से पूरा जनपद अंधेरे में डूब गया है, जिसके बाद से ही आमजन बिजली और पानी के लिए परेशान नजर आ रहे हैं. ऐसे में जिला प्रशासन की जिम्मेदारी बढ़ जाती है और इसी जिम्मेदारी के तहत जिलाधिकारी ने ठप हुई बिजली व्यवस्था को संविदा कर्मचारी, आउटसोर्सिंग कर्मचारी राजस्व कर्मी, आरटीआई टीचर के दम पर अगले 2 से 3 घंटे में बिजली बहाल करने का दावा करते नजर आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि पूरे जनपद में 69 फीडर के माध्यम से बिजली की आपूर्ति की जाती है, जिसमें से 25 फीडर आपूर्ति आउटसोर्सिंग कर्मचारी और 44 फीडर की बहाली नियमित कर्मचारियों के द्वारा की जाती रही है.
शहर की बात करें तो चार फीडर पर बिजली आपूर्ति हो रही है, जिसमें से दो आंशिक रूप से बिजली की आपूर्ति हो रही है, जबकि दो पूर्ण रूप से ठप हो चुकी हैं. इन सभी को बहाल करने की व्यवस्था की जा रही है, साथ ही पानी की समस्या को देखते हुए शहरी इलाकों में टैंकर से पानी की सप्लाई की जा रही है.
नियमित कर्मचारी न होने बढ़ी दिक्कतें
जिलाधिकारी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों और अन्य कर्मचारियों के बल पर बिजली बहाल करने का दावा कर रहे हैं, वहीं, जब हमने पीरनगर के फीडर पर कार्यरत आरटीआई के कर्मचारी जिन्हें बिजली बहाली के ड्यूटी में लगाया गया है, उनसे बात की तो, उन्होंने सब बताया कि उन लोगों को फाल्ट के बारे में कुछ समझ में नहीं आ रहा है, क्योंकि यह फाल्ट फीडर में नहीं बल्कि बाहर से है.
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