पीलीभीत: (Pilibhit) में बीते 25 दिनों से टाइगर रिजर्व (Tiger Reserve) से सटे ग्रामीण इलाकों में जंगली हाथियों (Wild Elephants) ने कई एकड़ गन्ने व धान की फसल (Sugarcane Crops) को उजाड़ दिया है. जिससे परेशान होकर ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पर स्थित पीलीभीत टाइगर रिजर्व (Pilibhit Tiger Reserve) कार्यालय पर जंगली हाथियों से निजात दिलाने की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन किया. वहीं, पूरे मामले में जिला वन अधिकारी का कहना है कि, हाथियों की मॉनीटरिंग कर राजस्व विभाग टीम से मौक़ा मुआयना कर मुआवजा दिलाये जाने की बात कही है.


हाथियों ने गन्ने की फसल बर्बाद की


पीलीभीत में बीते दिनों से टाइगर रिजर्व से सटे ग्रामीण इलाकों में हाथियों ने कई एकड़ गन्ने व धान की फसल को नष्ट कर घरों को उजाड़ दिया है, जिससे परेशान किसानों ने अपने खेतों में हुए नुकसान को लेकर जिला मुख्यालय टाइगर रिजर्व कार्यालय पर धरना प्रदर्शन कर वन विभाग से जंगली हाथियों द्वारा किये गए नुकसान की भरपाई करने के साथ-साथ जंगली हाथियों को अपने खेतों से पकड़वा कर उन्हें वहां से हटाने की मांग की है. 


ग्रामीणों का प्रदर्शन


वहीं, ग्रामीणों का आरोप है कि, बीते कई दिनों से हाथियों के झुंड ने माला रेंज के जमुनिया गांव में ग्रामीणों के घर तहस नहस कर कई एकड़ फसल को कुचल डाला था. अब ये हाथी बीती रात महोफ रेंज स्थित सैंजना गांव में तांडव करते हुए गन्ने को ही नहीं कुचला बल्कि दो ग्रामीणों के घर तक उजाड़ दिए जिससे परेशान होकर ग्रामीणों ने जिला मुख्यालय पहुंच कर टाइगर रिजर्व गेट पर धरना प्रदर्शन किया. वहीं, मामले पर सपा के पूर्व राज्यमंन्त्री रहे हेमराज वर्मा ने भी धरना स्थल पर पहुंचकर वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए बीजेपी सरकार को घेरने में लग गए और किसानों-ग्रामीणों की जान माल की हानि होने की बात को कहते हुए ग्रामीणों के साथ उग्र आंदोलन की बात कही. 


टीम बनाकर की जा रही है कार्रवाई


पूरे मामले में डीएफओ का कहना है कि, ये पीलीभीत हाथियों का कॉरिडोर एरिया है, जो हर वर्ष इन दिनों में अपने पुराने स्थान पर आते हैं और एक समय सीमा अवधि के अनुसार वापस नेपाल के जंगलों में लौट जाते हैं. हमारी वन विभाग कि 4 एक्सपर्ट टीमों द्वारा निगरानी की जा रही है, जल्द ही हाथियों को नेपाल बार्डर के जंगलों में खदेड़ने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं, किसानों की फसल के हुए नुकसान को लेकर राजस्व टीम द्वारा मौक़ा मुआयना कर जमीन फसल के नुकसान का मुआवजा दिलाये जाने की भी व्यवस्था की जा रही है.



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