गोंडा, एबीपी गंगा। यहां के तरबगंज के भिखारीपुर सकरौर में तटबंध के बाद आधा दर्जन से अधिक परिवार बेघर हुए हैं. कई लोग ऊंचे स्थानों पर चले गए हैं तो कई लोग अपने रिश्तेदार के यहां चले गए हैं. करोड़ों रुपये से बना तटबंध सिंचाई विभाग की लापरवाही के चलते धराशाई हो गया. जिसके चलते ग्रामीणों में आक्रोश है. ग्रामीणों ने कहा कि यह बंधा नहीं है बल्कि धंधा है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जब समय होता है कि काम नहीं होता है. लेकिन जब वक्त निकल जाता है और मानसून आने को होता है तो दिखावे के लिए काम होता है. यह पूरे तरीके से धंदा हो गया है.


ग्रामीणों ने बताया कि पिछले साल तटबंध के कारण हुए मकान और फसल के नुकसान का अभी तक भी सरकार ने मुआवजा नहीं दिया है. ग्रामीणों का कहना है कि अभी घाघरा नदी खतरे के निशान से नीचे है. लेकिन अगर नदी में जलस्तर बढ़ता है तो यह आसपास के गांवों के लिए खतरे का संकेत होगी. बता दें कि यूपी में पहले ही बाढ़ से हालात खराब हैं.


बता दें कि जिला प्रशासन और सिंचाई विभाग कटे हुए तटबंध की मरम्मत युद्ध स्तर पर करने में जुटा हुआ है. बीते दिनों जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद लोगों को आश्वस्त किया था कि इस बार कोई भी बांध नहीं कटेगा ना ही किसी प्रकार की जनहानि होगी. हालांकि, प्रकृति की ताकत ने आश्वासन के दावों की पोल खोल दी.


तरबगंज के उप जिलाधिकारी राजेश सिंह ने भी भिखारीपुर सकरौर तटबंध के पास बिशनपुरा गांव के पास कटने की पहले से आशंका जताई थी. उसकी भी जानकारी सिंचाई विभाग को भी दी थी लेकिन सिंचाई विभाग की लापरवाई कहें या तकनीकी खराबी के आगे सब बेबस हैं. फिलहाल, तटबंध की जगह पर सिंचाई विभाग के अधिकारी लगातार बड़े-बड़े पत्थरों की पिचिंग करवाने में जुटे हुए हैं।


वहीं, भिखारीपुर सकरौर तटबंध के पास बिशनपुरा गांव के लोगों ने कहा कि बांध निर्माण धंधा बन गया है. यहां तक की मंत्री भी आते हैं और चले जाते हैं लेकिन फिर उनकी कोई सुध नहीं लेता. ग्रामीणों ने कहा कि उनका दुख दर्ज जानना है तो हवाई नहीं सड़क मार्ग से मंत्री और अधिकारियों को यहां आना चाहिए. ग्रामीणों ने ये भी कहा कि जितने रुपये में कच्चा बांध तैयार हुआ है उतने में तो पक्के बांध का निर्माण हो जाता.


उप जिलाधिकारी तरबगंज का कहना है कि तटबंध कट जाने से 9 घर प्रभावित हुए हैं. जिसमें से कुछ लोग अपने रिश्तेदार के यहां चले गए हैं और खुद लोग ऊंचे स्थान पर चले गए हैं. उन्होंने बताया कि सिंचाई विभाग के अधिकारी मरम्मत कार्य करवाने में जुटे हुए हैं और जिला प्रशासन भी लगातार मुस्तैद है.


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