हाथरस, एबीपी गंगा। उत्तर प्रदेश सरकार एक ओर जहां सरकारी अस्पतालों में मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने का दावा कर रही है तो वहीं दूसरी ओर अस्पताल प्रशासन की लापरवाही सरकार के दावे को खोखले साबित करने में जुटी हुई है। ऐसा ही एक मामला हाथरस जिले के जिला अस्पताल की इमेरजेंसी से सामने आया है, जहां चिकित्सक इमेरजेंसी में भर्ती मरीजों का मोबाइल की टॉर्च जलाकर उसकी रोशनी में इलाज करते हुये दिखाई दे रहे हैं।


मोबाइल की टॉर्च जलाकर उसकी रोशनी में इलाज किये जाने का पूरा मामला हाथरस जिले के जिला अस्पताल की इमरजेंसी का है, यहां बीती देर रात इमेरजेंसी की लाइट चली गयी करीब चार घंटे तक जब इमेरजेंसी की लाइट नहीं आई और स्टाफ द्वारा जनरेटर को नहीं चलाया गया तो इमेरजेंसी में भर्ती मरीजों का बुरा हाल होने लगा। तीमारदार अपने अपने मरीजों को गर्मी से बचाने के लिए बाहर खुले में लेकर जाने लगे, इसी बीच जिले के गांव सोखना निवासी विनोद कुमार सारस्वत अपने मरीज को लेकर जिला अस्पताल की इमेरजेंसी में पहुंचे। इमेरजेंसी में लाइट की व्यवस्था न होने पर वह भी अपने मरीजों को बाहर खुले में आ गये।


बात अगर हाथरस जिला अस्पताल में लापरवाहियों की करें तो ये कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी कई मामले ऐसे सामने आ चुके हैं जिनमें जिला अस्पताल के स्टाफ से लेकर स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारियों की लापरवाही साफ तौर पर देखी जा चुकी है, इमरजेंसी में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर एके सिंह ने मामले में जानकारी देते हुये बताया कि इमरजेंसी लाइट नहीं है और जनरेटर खराब पड़ा हुआ है इस मामले के लिए हमने अपने आलाधिकारियों बता दिया है जैसे भी संभव है रौशनी में या मोमबत्ती जलाकर मरीजों का इलाज किया जा रहा है।