गोरखपुर: फ्रांस के राजदूत इमैनुअल लिनैन गोरखनाथ मंदिर में गुरुवार सुबह दर्शन-पूजन करने के बाद गोरक्षनगरी के भ्रमण पर निकले. रामगढ़ ताल पहुंचकर वो इसका विहंगम दृश्य देखकर मंत्रमुग्ध हो गए. उन्होंने गोरखपुर के जिलाधिकारी के विजयेंद्र पांडियन से इसको स्वच्छ और सुंदर बनाने की इच्छा जताई.


विकास कार्यों के बारे में दी जानकारी
फ्रांस के राजदूत ने डीएम से कहा कि इस संबंध में वो मुख्यमंत्री से वार्ता कर प्रस्ताव प्रस्तुत कराएं. सरकार की सहमति मिलेगी तो फ्रांसीसी तकनीक से वहां की कंपनी इस प्राकृतिक झील को स्वच्छ करेगी. नगर भ्रमण के दौरान डीएम ने फ्रांस के राजदूत को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर शहर में जारी विकास कार्यों की जानकारी दी. रामगढ़ ताल के किनारे पहुंचने पर डीएम ने उन्हें नया सवेरा प्रोजेक्ट के तहत बनी जेट्टी का भ्रमण कराया.


पीने के लिए हो सकता है पानी का प्रयोग
इस दौरान राजदूत ने कई स्थानों की फोटो भी खींची. उन्होंने झील की सुंदरता की तारीफ करने के साथ ही फ्रांसीसी तकनीक के बारे में बताया. उन्होंने डीएम को बताया कि उस तकनीक से रामगढ़ ताल के पानी को स्वच्छ कर कुछ हिस्सा पीने के रूप में प्रयोग किया जा सकता है, बाकी हिस्सा ताल में चला जाएगा. डीएम ने यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री के सामने रखने को कहा है.


निवेश को लेकर ली जानकारी
फ्रांस के राजदूत ने डीएम से गोरखपुर में संभावित निवेश के बारे में भी जानकारी ली. जिलाधिकारी ने उन्हें बताया कि यहां टेक्सटाइल एवं स्टील से जुड़ी कंपनियों के लिए काफी संभावना है. लिनैन ने यहां ऑटोमोबाइल सेक्टर में निवेश की संभावनाओं के बारे में जानकारी ली, साथ ही रियल एस्टेट सेक्टर के बारे में भी पूछा. उन्होंने कहा कि इसमें उनके देश की कंपनी निवेश कर सकती है.


कंपनियों के बारे में ली जानकारी
जमीन की उपलब्धता के बारे में भी उन्होंने पूछा, डीएम ने बताया कि जमीन पर्याप्त उपलब्ध है. राजदूत ने उनसे पूछा कि गोरखपुर में कौन सी विदेशी कंपनियां काम कर रही हैं, उन्हें बताया गया कि खाद कारखाने में जापान की कंपनी काम कर रही है. कोकाकोला भी गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) में बाटलिंग प्लांट लगाने जा रहा है. इसके साथ ही कई विदेशी कंपनियों के आउटलेट हैं. भविष्य में भी कई कंपनियां आ सकती हैं.


गोरखपुर आने का किया वादा
गोरखनाथ मंदिर से निकलने के बाद शहर भ्रमण करने निकले राजदूत ने निर्माण कार्यो को देखकर जिलाधिकारी से उसके बारे में पूछा था. उन्हें बताया गया कि सब विकास कार्य है. उन्होंने वादा किया कि पांच साल बाद फिर गोरखपुर आएंगे, ताकि बदला हुआ गोरखपुर देख सकें.



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