प्रयागराज/बांदा. 50 से ज्यादा बच्चों के यौन उत्पीड़न और उनके अश्लील फोटो व वीडियो बनाने के आरोपी सिंचाई विभाग के इंजीनियर रामभवन के बारे में नये-नये खुलासे हो रहे हैं. अब जो खुलासा हुआ है वो बेहद चौंकाने वाला है. खबर के मुताबिक, जेल भेजा गया इंजीनियर रामभवन इतना शातिर था कि वह तीन मोबाइल फोन, तीन ईमेल आईडी का इस्तेमाल करता था. तीन मोबाइल फोन में एक ऐसा भी था, जिसका नंबर उसके परिवारवालों और बेहद करीबियों के पास भी नहीं था. इसके साथ ही वह जिन तीन ई मेल आईडी का इस्तेमाल करता था, उन सभी में विजय नाम का इस्तेमाल किया गया है.


जांच एजेंसी सीबीआई अभी तक इस विजय के रहस्य के बारे में पता नहीं लगा सकी है. सीबीआई को अब यह पता लगाना होगा कि रामभवन ने लोगों को गुमराह करने के लिए विजय नाम से तीन ई मेल आईडी बनाई थी या फिर विजय नाम का उसका कोई सहयोगी या राजदार भी है. वैसे सीबीआई को इस बात की पुख्ता जानकारी मिली है कि इंजीनियर रामभवन के घिनौने खेल में कुछ और भी शामिल हैं. इसी वजह से सीबीआई ने अपनी एफआईआर में रामभवन को नामजद करने के साथ ही कुछ लोगों को अज्ञात रूप में लिखा है. जांच एजेंसी जल्द ही कुछ अन्य लोगों को भी गिरफ्तार कर सकती है.


सीबीआई चाहती है पांच दिन की रिमांड
ABP गंगा के पास सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर की Exclusive कॉपी भी है. एफआईआर में दर्ज विवरण से साफ है कि सीबीआई ने जितनी भी जगह रामभवन के नाम का जिक्र किया है, उन सभी जगहों पर आरोपियों में कुछ अज्ञात लोगों के बारे में भी लिखा गया है. साफ है कि तीन मोबाइल फोन, तीन ईमेल आईडी और विजय नाम के इस्तेमाल की गुत्थी सुलझाने के लिए ही सीबीआई शैतान इंजीनियर रामभवन को पांच दिनों के लिए अपनी रिमांड में लेना चाहती है. वैसे जांच एजेंसी अब तक रामभवन की पत्नी दुर्गावती और उसके ड्राइवर अभय कुमार समेत कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर चुकी है, लेकिन इन सभी से कोई ठोस जानकारी नहीं मिल सकी है.


इंजीनियर रामभवन के तीन मोबाइल फोन और तीन ईमेल आईडी का जिक्र सीबीआई ने अपनी एफआईआर में भी किया है. ABP गंगा को मिली Exclusive जानकारी के मुताबिक इंजीनियर रामभवन जिन तीन मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल करता था, उनके नंबर 998413****, 969518**** और 829911**** था. इनमें से पहला नंबर सभी जानने वालों के पास था. दूसरे नंबर की जानकारी सिर्फ बेहद करीबियों को थी, जबकि तीसरे नंबर का इस्तेमाल वह सिर्फ अपने गुनाहों के काले कारनामों के लिए ही करता था.


ईमेल आईडी में विजय का नाम
रामभवन जिन तीन ईमेल आईडी का इस्तेमाल करता था, उन सभी में विजय नाम का इस्तेमाल है. विजय के साथ ही तीनों आईडी में nawa भी जुड़ा हुआ है. नाम के साथ जोड़े गए इस nawa शब्द के बारे में फिलहाल अभी कोई जानकारी नहीं है. दो आईडी में विजय और nawa के साथ ही संजय भी लिखा हुआ है. एक आईडी में 81 नंबर जुड़ा हुआ है जबकि दूसरे में 111980 शब्द. अनुमान लगाया जा रहा है कि विजय ने अपने जन्म के वर्ष और महीने को इसमें जोड़ा हुआ है.


31 अक्टूबर को दर्ज हुआ केस
एफआईआर में दर्ज विवरण के मुताबिक अज्ञात लोगों द्वारा मुहैया कराई गई जानकारी के आधार पर सीबीआई ने रामभवन के खिलाफ 31 अक्टूबर को दोपहर 1:55 पर केस दर्ज किया है. सीबीआई को रामभवन के खिलाफ अज्ञात लोगों द्वारा भेजी गई शिकायत के साथ जो पेन ड्राइव दी गई थी, उसमे 34 वीडियो और 679 फोटोग्राफ्स थे. ये सभी उन बच्चों के होने की आशंका है, जिन्हें रामभवन ने अपना शिकार बनाया था. सीबीआई ने आरोपी रामभवन के खिलाफ तीन धाराओं में केस दर्ज किया है. इनमे आईपीसी की धारा 377, पाक्सो एक्ट की धारा 14 और आईटी एक्ट की धारा 67 B शामिल है.


सीबीआई ने अपनी एफआईआर में दर्ज किया है कि किसी अज्ञात शख्स ने उसे रामभवन के खिलाफ शिकायत और पेन ड्राइव भेजी है, जिसके आधार पर तफ्तीश करते हुए उसने 16 नवम्बर को इंजीनियर को गिरफ्तार किया है. सीबीआई ने इस मामले की जांच अपने तेज तर्रार डिप्टी एसपी भगवान कुमार को दी है. सीबीआई की दो टीमें अब भी चित्रकूट और बांदा जिलों में कैम्प कर रामभवन के गुनाहों से पर्दा हटाने की मुहिम में जुटी हुई हैं. जल्द ही रामभवन के काले कारनामों में सहयोग देने वाले कुछ अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया जा सकता है.


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