अयोध्या. समाजवादी पार्टी सरकार द्वारा अयोध्या के नया घाट क्षेत्र स्थित प्रवेश मार्ग पर श्री राम प्रवेश द्वार बनाने की योजना को पलीता लग चुका है. इस निर्माणाधीन द्वार को तोड़ने के लिए जेसीबी मशीन लगाये जाने के साथ ही इस पर खर्च 50 लाख रुपए भी बर्बाद हो गए. दो करोड़ की लागत से बनने वाले अयोध्या प्रवेश द्वार पर 50 लाख रुपए समाजवादी पार्टी सरकार में ही खर्च हो गए थे. सपा सरकार जाने और भारतीय जनता पार्टी की सरकार आने के साथ ही इस प्रवेश द्वार को लेकर कई शिकायतें हुई जिसमें मानक के विपरीत संकरा प्रवेश द्वार बनाने और इससे भीड़ के समय दुर्घटना होने की संभावना जताई गई.


मानके के विपरीत था प्रवेश द्वार


हाल में हुई बरसात के दौरान इस प्रवेश द्वार का कुछ हिस्सा टूट कर लटक गया था, जिसको नगर निगम द्वारा बीती रात ही तोड़कर हटा दिया गया. अयोध्या के मेयर कहते हैं कि इस प्रवेश द्वार को लेकर कई तरह की शिकायतें थीं. मानक के विपरीत भी समाजवादी सरकार ने इस प्रवेश द्वार को बनाया था, जिसमें सड़क चौड़ी और द्वार छोटा था, इसलिए इस प्रवेश द्वार को पूरी तरह गिराया जा रहा है. ऐसा प्रवेश द्वार होना चाहिए जो राम मंदिर और अयोध्या के अनुरूप हो लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि इस पर खर्च पैसे का क्या और अगर मानक के विपरीत बना था तो इसके लिए जिम्मेदार कौन है, क्या इसका भी निर्धारण होगा.


अयोध्या के मेयर ने बताया कि पांच तारीख को देश के गौरव माननीय प्रधानमंत्री जी ने श्री राम मंदिर के भव्य निर्माण के लिए भूमि पूजन किया था. अयोध्या में वैसे भी 4 पारंपरिक मेले होते हैं, जिसमें बहुत भारी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. एक बार उस भीड़ के दबाव में उस गेट के नाते श्रद्धालु की मौत भी हो चुकी है. इस कारण से भारतीय जनता पार्टी की योगी जी की सरकार आई तो मानक के विपरीत भी था, इतनी चौड़ी सड़क पर गेट संकरा बना था. इस नाते से जिला प्रशासन ने कई बार रिपोर्ट भेजा था. उसी क्रम में उत्तर प्रदेश सरकार ने उसे गिराने का निर्णय किया है.


ये भी पढ़ें.


कानून-व्यवस्था पर बसपा सुप्रीमो मायावती बोलीं, उत्तर प्रदेश में नहीं थम रहे अपराध


वाराणसी: नहीं रहे डोम राजा जगदीश चौधरी, पीएम मोदी ने जताया दुख