प्रयागराज,एबीपी गंगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक अधिकारी में कोरोना वायरस के लक्षण मिलने के बाद से इसे तीन दिनों के लिए पूरी तरह बंद कर दिया गया है। हाईकोर्ट खुलने पर भी किसी को संक्रमण न हो, इसके लिए आज से पूरे कैम्पस को सेनेटाइज़ करने का काम शुरू कर दिया गया। सेनेटाइजेशन के काम में स्वास्थ्य विभाग और नगर की कई टीमें लगाई गई हैं। यहां सेनेटाइजेशन में लगे कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मियों के अलावा बाकी लोगों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। अगर संदिग्ध अधिकारी की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो हाईकोर्ट को आगे के लिए भी पूरी तरह बंद रखे जाने के आदेश जारी किये जा सकते हैं। यहां कल शाम से कर्मचारियों की इंट्री पर भी रोक लगी हुई है।
हाईकोर्ट में सेनेटाइजेशन के काम में लगी टीमें पूरी तैयारी के साथ मुस्तैद नज़र आईं। पुख्ता इंतजाम किये जाने के बावजूद हाईकोर्ट से जुड़े लोगों में दहशत कायम है। हाईकोर्ट कैम्पस को पूरी तरह सैनिटाइज़ करने का काम कई बड़े अफसरों की देख रेख में चल रहा है। हाईकोर्ट बंद होने और यहां संक्रमण फैलने की अफवाह से पूरे कैंपस और बाहर के रास्तों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। इन जगहों पर कोरोना का कर्फ्यू लगा हुआ है। वैसे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पहले ही अगले कुछ दिनों तक सिर्फ बेहद ज़रूरी केसों की ही सुनवाई करने और वादकारियों की इंट्री पर रोक लगाने का फैसला किया था। दो दिनों तक इसी तरह काम भी हुआ। इस दौरान लोगों को जागरूक करने के लिए पोस्टर बैनर लगाए गए और साथ ही थर्मल स्कैनर से लोगों की जांच भी की गई।
बुधवार को विदेश से लौटे सहायक समीक्षा अधिकारी में कोरोना के लक्षण पाए जाने पर हड़कंप मच गया। इसके बाद ही हाईकोर्ट को तीन दिनों के लिए पूरी तरह बंद कर इसे गहराई से सेनेटाइज़ किये जाने का फैसला किया गया। चीफ जस्टिस द्वारा जस्टिस बीके नारायण की अगुवाई में गठित कमेटी शनिवार की शाम को बैठक कर हालात की समीक्षा करेगी और आगे कोर्ट खुलने के बारे में कोई फैसला लेगी। प्रयागराज में हाईकोर्ट बंद किये जाने के साथ ही लोगों के बेवजह भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाने पर भी रोक लगा दी गई है।