UP News: करोड़ों के हेल्थ कियोस्क यानी हेल्थ ATM टेंडर में नियमों को दरकिनार कर बिना लाइसेंस वाली फर्मों को एंट्री देने का मामला सामने आया है. ईसीजी, ब्लड प्रेशर, शुगर समेत विभिन्न जांच सुविधा मुफ्त दिलाने के लिए प्रदेश सरकार ने हेल्थ कियोस्क की शुरुआत की थी. सरकार की महत्वकांक्षी योजना में अब भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगने लगे हैं. चहेतों को फायदा पहुंचाने के लिए टेंडर में नियमों को दरकिनार कर दिया गया. गड़बड़ी की शिकायत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों समेत मुख्यमंत्री तक से की गयी है.


20 करोड़ के टेंडर में नियमों को दरकिनार करने का आरोप


प्रदेश में 400 नए हेल्थ कियोस्क लगाने के लिए जारी टेंडर करीब 20 करोड़ का है. हेल्थ कियोस्क के टेंडर में गड़बड़ी की शिकायत माई लैब की फर्म संस्कृटेक स्मार्ट सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड ने की है. शिकायत में बताया गया है कि मशीन लगाने के लिए किसी भी फर्म के पास CDSCO लाइसेंस अनिवार्य है. लेकिन यूपी मेडिकल सप्लाई कॉर्पोरेशन की तरफ से जारी टेंडर में बिना लाइसेंस वाली फर्मों को एंट्री मिल गयी और लाइसेंस प्राप्त फर्मों को बाहर कर दिया गया.


शिकायतकर्ता फर्म ने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने की मांग


शिकायतकर्ता का आरोप है कि टेंडर में क्वालीफाई फर्मों के पास अनिवार्य CDSCO लाइसेंस नहीं है. शिकायतकर्ता फर्म ने मामले में मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप कर निष्पक्ष जांच की मांग की है. एबीपी गंगा को डीजी हेल्थ डॉ. रेणु वर्मा श्रीवास्तव ने शिकायत मिलने की पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि हमें रिप्रेजेंटेशन दिया गया है. हम मामले की जांच करा रहे हैं. जांच के बाद ही कुछ कह सकते हैं. मेडिकल सप्लाई कॉरपोरेशन से भी जानकारी मांगी गई है. इससे पहले 606 हेल्थ ATM लग चुके हैं, आगे और भी लगाएंगे. प्राप्त शिकायत को देखना पड़ेगा. गड़बड़ी पाए जाने पर टेंडर में नए सिरे से सुधार भी किया जाएगा. 


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