एटा, एबीपी गंगा। यूपी के एटा जिले में कोरोना वॉरियर्स की भूमिका अदा कर रहे जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर आर के अग्रवाल ने देशहित में चौंकाने वाला फैसला लेकर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है। कोरोना के खिलाफ लड़ाई और देशहित के लिए जिस प्रकार से यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने पिता की मृत्यु और अंतिम संस्कार में नहीं जा पाए, ठीक उसी प्रकार से एटा के सीएमएस ने भी कोरोना के खिलाफ अपने फर्ज को निभाते हुए अपने पिता की मृत्यु और अंतिम संस्कार में भाग न लेने का निर्णय किया है।


उन्होंने वीडियो कॉल पर ही अपने पिता की अर्थी और अंतिम संस्कार के अंतिम दर्शन किए।कोरोना की जिम्मेदारियों के चलते वो भी अपने पिता की अंतिम यात्रा में शामिल नहीं हो पाए।



कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई के चलते ही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह ही एटा के सीएमएस डॉआर के अग्रवाल भी बरेली में रह रहे अपने बुजुर्ग पिता स्वमहावीर अग्रवाल के निधन पर न ही अपने घर जा पाए और न ही अपने पिता की अंतिम यात्रा में शामिल हो पाए। उनके पिता बरेली के जाने-माने सिविल एडवोकेट थे। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर आर के अग्रवार का ये त्याग पूरे एटा जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है।



डॉआर के अग्रवाल ने बताया कि जिस समय वो अपने पिता से वीडियो कॉल पर बात कर रहे थे, उसी दौरान उनकी मौत हो गई। सबसे बड़ी बात ये है कि उन्होंने अपने स्टाफ और नजदीकी लोगों को भी अपने पिता की मौत की जानकारी नहीं दी और कोरोना से लड़ाई के अपने काम में अनवरत लगे रहे।तीन दिन बाद किसी तरह से एटा जिला चिकित्सालय के स्टाफ को इस दुखद खबर की जानकारी लगी।


डॉआर के अग्रवाल का कहना है कि एक तरफ वैश्विक महामारी के चलते वे दिन रात अपने फर्ज को निभारहे है, वहीं दूसरी ओर उनके जन्म देने वाले पिता की मौत पर उनके अंतिम संस्कार पर पहुंचना था, पर उन्होंने ऐसे में अपने फर्ज को तहजीह दी।



उनका कहना है कि यदि वे लॉकडाउन में अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने जाते तो लॉकडाउनका उल्लंघन होता और भीड़भाड़ होती, जिससे कोरोना के खिलाफ उनकी लड़ाई कमजोर होती।उनका कहना है कि जब लॉकडाउन खत्म होगा, तब वे अपने पिता को श्रद्धांजलि देने अपने घर बरेली जाएंगे, उन्होंने समस्त देशवासियों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपने फर्ज को तरजीह देने की अपील की।


सीएमएस ने व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल के माध्यम से अपने पिता की अर्थी और अंतिम संस्कार के दर्शन किए। यह बड़ा फैसला सीएमएस ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई को देखते हुए देशहित में लिया है। जब मामले में सीएमएस आर के अग्रवाल से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अगर वह अपने घर बरेली में पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने चले जाते तो जनपद में चिकित्सालय में अवस्थाएं फैल सकती थीऔर इस वक्त कोरोना से जनपद के साथ-साथ पूरे देश में हाहाकार मचा हुआ है।देशहित के लिए वह अपने पिता की अंतिम यात्रा में शामिल नहीं हुए हैं।साथ ही, उन्होंने सभी जनपद वासियों और डॉक्टर स्टाफ से अपील करते हुए कहा कि इसके लिए सब लोग संयुक्त रूप से अपने कार्यों का निर्वहन करें।


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