एटा: कोई भी देशवासी मुश्किल से ही ये विश्वास करेगा कि स्वतंत्रता के 74 साल बाद भी भारत में एक पाकिस्तानी महिला को ग्राम प्रधान की बागडोर सौंप दी गयी और भारत सरकार, बड़े बड़े अधिकारियों और सरकार, अभिसूचना इकाई और अन्य एजेंसियों को इसकी कानों कान भनक तक नहीं लगी. उत्तर प्रदेश के एटा जनपद में एक शिकायत पर कराई गई जांच में ये मामला सही पाया गया और अब जिला प्रशासन ने इस पाकिस्तानी महिला के खिलाफ एटा के जलेसर थाने में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद इस महिला को जेल भेज दिया है.


इस तरह बनी प्रधान


दरअसल उत्तर प्रदेश के एटा जनपद में जलेसर थाना व तहसील क्षेत्र में गुदाऊ ग्राम सभा का चुनाव 2015 में पंचायत चुनावों के साथ हुआ था, तब इस गांव की प्रधान शहनाज बेगम को चुना गया था. इसी समय 2015 में ही इसी गांव से पाकिस्तानी महिला बानो बेगम ने भी अपनी पाकिस्तानी नागरिकता की सच्चाई को छिपाते हुए ग्राम सदस्य का चुनाव लड़ा था और ये जीत भी गयी. जनवरी 2020 में इस गांव की प्रधान शहनाज बेगम की मौत के बाद पाकिस्तानी नागरिक महिला जो कि उस समय ही इस गांव की ग्राम पंचायत सदस्य थी, को कार्यवाहक ग्राम प्रधान चुन लिया गया और तबसे ये पाकिस्तानी महिला पूरे गांव की प्रधान बनकर कार्य कर रही थी.


इस तरह हुआ खुलासा 


इसी गांव के रहने वाले कुवेदान खान ने 10 दिसंबर, 2020 को इस मामले की शिकायत एटा के जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक प्रियदर्शी से की, तो इस मामले की विस्तृत जांच कराई गई, जिसमें ये शिकायत सही पायी गयी और इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला पंचायत राज अधिकारी आलोक प्रियदर्शी ने ग्राम पंचायत सचिव ध्यान पाल सिंह को इस पाकिस्तानी महिला के खिलाफ सुसंगत धाराओं में तत्काल रिपोर्ट दर्ज करवाने के आदेश दिए.


इस मामले की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि सहायक विकास अधिकारी पंचायत जलेसर के माध्यम से प्राप्त प्रस्ताव के क्रम में बानो बेगम पत्नी अख्तर अली सदस्य ग्राम पंचायत को अग्रिम आदेशों तक कार्यवाहक ग्राम प्रधान के रूप में नामित किया गया था. बानो बेगम अनपढ़ है और अंगूठा लगाती है.


इस तरह पाकिस्तान पहुंची


जांच रिपोर्ट के अनुसार पुलिस आख्या व अभिलेखों के सत्यापन के अनुसार पाक नागरिक बानो बेगम का जन्म 1968 में ग्राम अरुआ थाना अछनेरा जनपद आगरा में हुआ था और कुछ समय बाद बानो बेगम का परिवार पाकिस्तान चला गया था. बाद में ये अपने पिता के पारपत्र संख्या ए ई 0 354586 दिनांक 1/8/1975 एवं वीजा संख्या KAR 1124/79 दिनांक 4/6/1979 के अनुसार अटारी रेल अमृतसर के क्रम संख्या 6/3182 दिनांक 7/6/1979 के आधार पर भारत मे ग्राम अरुआ थाना अछनेरा जनपद आगरा आ गयी थी.


जांच रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि बानो बेगम की शादी इनके पिता द्वारा दिनांक 8/6/1980 को भारतीय नागरिक अख्तर अली निवासी ग्राम गुदाऊ ,थाना जलेसर जनपद एटा के साथ कर दी गयी और शादी के बाद पिता वापस पाकिस्तान चले गए. इसी आधार पर बानो के आवेदन किये जाने के बाद भारत सरकार के पत्रसंख्या 16028/236/80 विदेशी 03 दिनांक 26/3/1983 के अनुसार भारत में वीजा के आधार पर रहने की अनुमति प्रदान की गई थी,और तभी से बानो बेगम अपने पति अख्तर अली के साथ गुदाऊ गांव एटा जनपद में रह रही है. ये दीर्घकालीन वीजा पर वैध रूप से यहां निवास कर रही है.


2015 में बानो बेगम एटा के गुदाऊ ग्राम में ग्राम पंचायत सदस्य के पद पर अपनी नागरिकता के तथ्यों एवं अभिलेखों को छिपाकर चुनाव लड़ी और निर्वाचित हुई. जनवरी 2020 में गुदाऊ ग्राम प्रधान शहनाज बेगम की मौत के बाद ग्राम प्रधान की रिक्ति के समय कार्यवाहक ग्राम प्रधान के रूप में नामित किये जाते समय भी बानो बेगम के द्वारा अपनी पाकिस्तानी नागरिकता के तथ्यों को छिपाकर कार्यवाहक ग्राम प्रधान का पद ग्रहण किया गया और लगभग पूरे एक साल तक ग्राम प्रधान रही.


फर्जी दस्तावेज बनाने वालों पर भी कार्रवाई


बानो बेगम 41 साल पूर्व पाकिस्तान से एटा रिश्तेदारी में आई थी और यहां अख्तर अली से निकाह कर लिया था. तब से लांग टर्म वीजा को एक्सटेंड करवाकर यहीं रह रही है. बानो बेगम का आधार कार्ड, वोटर कार्ड,आदि फर्जी दस्तावेज तैयार करवाने व करने वालों पर भी जिला प्रशासन कार्रवाई की तैयारी में है.


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