Etah News: एटा में भूमाफियाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 200 करोड़ की जमीन मुक्त कराई, एबीपी गंगा की खबर का असर
Etah News: इस मामले में दो नामजद आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है. इन भूमाफियाओं ने बड़े रसूख और शासन प्रशासन में मिलीभगत के चलते सरकारी जमीन कब्जा कर रखा था
Etah 200 Crore Scam: एटा जनपद में भू माफियाओं पर डीएम अंकित कुमार अग्रवाल की कार्रवाई से हड़कंप मच गया है. एक अनुमान के मुताबिक अब तक लगभग 4 हजार बीघा जमीन से कब्जा मुक्त कराया गया है और डीएम के नेतृत्व में ये कार्रवाई अभी भी लगातार जारी है. एटा में अब तक करीब 200 करोड़ रुपये की करीब 250 बीघा ज़मीन को जिला प्रशासन ने भू माफियाओं के कब्जे से छुड़वाया है और दोबारा इसे सरकारी बंजर ज़मीन में दर्ज करवाया है.
इस मामले में दो नामजद आरोपियों नरेंद्र देव उपाध्याय और मनोज चतुर्वेदी के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है. इन भूमाफियाओं ने बड़े रसूख और शासन प्रशासन में मिलीभगत के चलते सरकारी जमीन कब्जा कर रखा था. नरेन्द्र देव उपाध्याय ऊंची पहुंच और रसूख वाला बताया जाता है. वो अभी आरएसएस के अनुषांगिक संगठन सहकार भारती का प्रदेश अध्यक्ष भी है. जबकि मनोज चतुर्वेदी, केंद्र में पूर्व रेल उपमंत्री व एटा के पूर्व सांसद रहे स्वर्गीय रोहन लाल चतुर्वेदी का बेटा हैं.
भूमाफियाओं के कब्जे से छुड़ाई 200 करोड़ की जमीन
एटा सदर तहसील के लेखपाल राधेश्याम द्वारा कोतवाली नगर एटा में इस सम्बन्ध में आईपीसी की धारा 420, 447, 465, 467, 468, 471, 120बी, 34 व सार्वजानिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धारा 2, 3 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है, जिसमें साजिशन सार्वजानिक संपत्ति का स्वामित्व हासिल करने हेतु कूट रचित फर्जी दस्तावेज तैयार करने और उन दस्तावेजों के आधार पर सार्वजानिक सरकारी संपत्ति का विक्रय करने का आरोप लगाया गया है. इस बेश-कीमती ज़मीन की कीमत बाजार में करीब 200 करोड़ बताई जा रही है.
दो आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
इस भूमाफिया गैंग ने 250 बीघा सरकारी ज़मीन को कागजो में कूट रचना करके अपने नाम दर्ज करा लिया था जिसके बाद इस पर शानदार हाईटेक स्मार्ट सिटी कॉलोनी बनाने का प्लान था. साथ ही इस जमीन के आसपास बंजर सरकारी ज़मीन पर भी इनकी नजर थी. ये प्रोजेक्ट बढ़ते-बढ़ते लगभग 800 बीघा तक विस्तार लेने वाला था. जिसमें अधिकांश सरकारी ज़मीन थी, लेकिन डीएम की कड़ी कार्रवाई से भू-माफियाओं के मंसूबे शुरुआत में ही ध्वस्त हो गए. अभी जिला प्रशासन की जांच जारी है. जांच में और भी कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं.
डीएम अंकित अग्रवाल ने बताया कि उन्हें सरकारी भूमि पर कब्ज़ा करने और प्लॉट काटकर बेचने की शिकायत मिली थी, जिसके बाद इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है. वहीं अपर जिला अधिकारी आयुष चौधरी ने कहा कि तहसील सदर क्षेत्र में सरकारी बंजर जमीन थी, जांच में पाया गया कि भूमाफियाओं ने साजिशन इसे अपने नाम करा लिया और इसका क्रय विक्रय हुआ. इस मामले में प्रथम दृष्टया दो के खिलाफ कार्रवाई की गई है. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी कुछ और नाम भी सामने आएंगे. इस मामले में गैंगस्टर के तहत कार्रवाई की जाएगी.
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