Etah Crime News: एटा पुलिस ने आज एक ऐसे किडनी निकालने वाले रैकेट का खुलासा किया है जो गरीब लोगों को रुपयों का लालच देकर उनकी किडनी निकाल लेता था. ये रैकेट ऑनलाइन फेसबुक के माध्यम से अपना विज्ञापन करता था, जिससे लोग उसकी गिरफ्त में आ जाते थे. इस रैकेट के तार विशाखपत्तनम, लखनऊ और एटा से जुड़े हैं. एटा पुलिस ने इस रैकेट के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. बाकी के आरोपियों की गिराफ्तारी के लिए लखनऊ और विशाखापत्तनम को टीमें रवाना की गईं हैं.
एटा पुलिस ने गरीब लोगों को लालच देकर किडनी निकालने वाले रैकेट का बड़ा खुलासा किया है. खबर दिखाए जाने के बाद लालच देकर गरीबों की किडनी निकालने वाले गैंग पर पुलिस शिकंजा कसते हुए एटा कोतवाली नगर में एफआईआर दर्ज की है. पुलिस ने किडनी निकालने वाले गैंग के दो आरोपी गिरफ्तार भी कर लिए है जबकि तीन आरोपी फरार हैं.
विशाखपत्तनम में किडनी लिकालते थे ठग
बता दें कि एटा से लेकर विशाखापत्तनम और लखनऊ तक किडनी रैकेट के तार जुड़े हुए है. एटा पुलिस ने किडनी निकालने वाले गैंग के दो सदस्यों अश्वनी उर्फ रॉकी और दीपक उपाध्याय को एटा से गिरफ्तार किया है. गैंग के तीन आरोपी राजेश उर्फ प्रतीक निवासी विशाखापटनम, डॉ. माधव विशाखापत्तनम और शिवाजी शुक्ला निवासी लखनऊ फरार हैं. कल पीड़ित किशन कश्यप के गांव के लोगों ने अश्वनी उर्फ राकी को पकड़कर पेड़ से बांधकर पिटाई की थी, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था. एटा पुलिस ने असीपीसी की धारा 308,120 बी, 420 व 18/19 मानव अंग प्रत्यारोपण अधिनियम 1994 के तहत कोतवाली नगर में एफआईआर दर्ज की है. पुलिस की दो टीमें अन्य आरोपियों की गिराफ्तारी के लिए लखनऊ और विशाखापत्तनम रवाना हो गईं हैं.
एटा के एसएसपी उदय शंकर सिंह ने बताया कि ये लोग फेसबुक के माध्यम से किडनी डोनेशन का ऑनलाइन विज्ञापन कर युवकों से संपर्क करते हैं. विज्ञापन कर 23 फरवरी को पीड़ित की किडनी विशाखापटनम में निकाली गई. पीड़ित को लालच देने के लिए 24 लाख रुपये का फर्जी चेक एसबीआई बैंक शाखा लखनऊ मोहनलाल गंज का दिया गया जिसका पेमेंट नहीं हो पाई. इस मामले में अभी तक दो आरोपियों को पुलिस ने मुकदमा लिखकर गिरफ्तार कर लिया है. घटना के प्रत्येक पहलू की गहराई से छान बीन की जा रही है.
टिक्की बेचता था पीड़ित
थाना कोतवाली नगर पुलिस द्वारा मानव किडनी निकलवाने वाले गैंग के खुलासे में घटनाक्रम के अनुसार थाना कोतवाली नगर एटा में किशन कश्यप पुत्र शंकर पाल निवासी शिवगज़ नई बस्ती धीमर वाली गली थाना कोतवाली नगर एटा गंधी मार्केट में टिक्की बेचने का कार्य करता था. किशन कुमार का अश्वनी उर्फ रॉकी पुत्र श्यामलाल निवासी श्याम नगर थाना कोतवाली नगर एटा से परिचय था. राजेश उर्फ प्रतीक नामक व्यक्ति निवासी विशाखापट्टनम द्वारा फेसबुक के माध्यम से अश्वनी उर्फ रॉकी को बताया कि यदि कोई किडनी बेच कर पैसा कमाना चाहे तो वह उससे सम्पर्क कर सकता है. जिस पर अश्वनी के द्वारा किशन सिंह से बात की गई, किशन सिंह को एक किडनी देने के बदले 24 लाख रुपये देने की बात तय की गई. इसमें अश्वनी को एक लाख बीस हजार रुपये अलग से कमीशन के तौर पर देना तय हुआ.
फर्जी चेक देकर किया गया फ्रॉड
बात तय होने के बाद राजेश द्वारा विशाखापट्टनम आने के लिए टिकट भेज दिया गया. किशन कश्यप व अश्वनी के विशाखापट्टनम पहुंचने पर राजेश उर्फ प्रतीक द्वारा श्री लेखा नामक लॉज में रुकवाया गया तथा श्री लेखा लॉज से आधा किमी दूरी पर स्थित दुर्गा हास्पीटल में डाक्टर माधव द्वारा ऑपरेशन कर किडनी निकाली गई. जिसके एवज में एसबीआई बैंक शाखा मोहनलाल गंज लखनऊ का एक 24 लाख रुपये का चैक किशन कश्यप को दे दिया गया. साथ ही 70 हजार रुपये नकद खर्च हेतु अश्वनी उर्फ रॉकी को राजेश के द्वारा दिए गए और विशाखापट्टनम से आगरा तक की टिकट करा दी, जिससे अश्वनी व किशन वापस आगरा आ गये. आगरा से अश्वनी ने अपने एक साथी दीपक उपाध्याय पुत्र सतेन्द्र उपाध्याय निवासी जीटी रोड गंगा नगर थाना कोतवाली नगर एटा को बुलाकर टैक्सी से एटा आ गए. किशन कश्यप अपने परिजनों को बिना बताए दीपक उपाध्याय के घर पर चार पांच दिन रुका.
हालत बिगड़ने पर पीड़ित ने घरवालों को दी जानकारी
दिनांक 1 अप्रैल को किशन कश्यप, अश्वनी व दीपक उपाध्याय लखनऊ गये, जहां पर अश्वनी एक अन्य साथी शिवाजी शुक्ला द्वारा उन तीनों को स्काई उदय होटल में रुकवाया गया. शिवाजी शुक्ला द्वारा बताया गया की बड़ी रकम का चैक है यदि आप एटा में लगायेंगे तो आपकी जांच हो सकती है, जिस पार्टी को किडनी दी गई है, वह लखनऊ के ही रहने वाले हैं. उन्ही के माध्यम से आपको बैंक से कैश दिला देगें. शिवाजी शुक्ला ने यह भी बताया कि इस कार्य में कई दिन का वक्त लग सकता है इसी कारण अश्वनी उर्फ रॉकी व दीपक उपाध्याय वापस एटा आ गये और किशन कश्यप को शिवाजी शुक्ला द्वारा होटल में रुकवा दिया गया. कई दिन बीत जाने पर किशन कश्यप को चैक का पेमेन्ट नहीं मिला तो किशन के घर वाले 19 अप्रैल को किशन को वापस ले आये. किशन की हालत बिगड़ने पर उसने अपने घर वालों को उसके साथ हुई घटना के बारे में जानकारी दी. जिसमें किशन के भाई द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर थाना कोतवाली नगर पर मुअसं- 241/2022 धारा 308, 120बी , 420 भादवि व 18/19 मानव अंग प्रत्यारोपण अधि0 1994 पंजीकृत किया गया.
लोगों की तंगी का फायदा उठाते थे आरोपी
घटनाक्रमानुसार पीड़ित किशन कश्यप की हालत खराब होने पर उसके परिजनों द्वारा इलाज हेतु ले जाने के दौरान घटना में सम्मिलित आरोपी अश्वनी उर्फ रॉकी को रास्ते में पहचान लिए जाने पर थाना कोतवाली नगर पुलिस को सूचना दी गई, प्राप्त सूचना के आधार पर थाना कोतवाली नगर पुलिस द्वारा दिनांक 21 अप्रैल 2022 को अभियुक्त अश्वनी उपरोक्त को तथा घटना में प्रकाश में आये अभियुक्त दीपक उपाध्याय को दिनांक 22 अप्रैल 2022 को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार अभियुक्तगण द्वारा घटना का इकबाल किया गया. पूछताछ पर अभियुक्त रॉकी उर्फ अश्वनी के द्वारा बताया गया कि वह अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर ऐसे लोगों को जो स्वेच्छा से रुपए पैसे की तंगी के कारण किडनी आदि बेचना चाहते हैं उनको फंसाकर किडनी निकलवाकर विक्रय करने का कार्य बाहर शहरों में जाकर करते हैं. पैसो के लालच में लोग तैयार हो जाते हैं.
अभियुक्तों की गिरफ्तारी के प्रयास कर रही पुलिस
गिरफ्तार अभियुक्तगण के विरुद्ध थानास्तर से आवश्यक वैधानिक कार्रवाई की जा रही है और प्रकाश में आए अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. एटा पुलिस ने अश्वनी उर्फ रौकी पुत्र श्यामलाल निवासी श्यामनगर थाना कोतवाली नगर एटा और दीपक उपाध्याय पुत्र सतेन्द्र उपाध्याय निवासी गंगा नगर थाना कोतवाली नगर एटा को गिरफ्तार कर लिया है और राजेश उर्फ प्रतीक निवासी विशाखापट्टनम, डाक्टर माधव निवासी विशाखापट्टनम, शिवाजी शुक्ला निवासी लखनऊ अभी फरार हैं. इनकी गिरफ्तारी के लिए दो टीमें रवाना कर दी गईं हैं.