Etah News: एटा के जलेसर थाना छेत्र के पुन्हैरा गांव मे ज़मीन के विवाद मे 27 जून को हुई मारपीट में पूर्व प्रधान शीलेन्द्र पाल की इलाज के दौरान मौत हो गई. जिससे आक्रोशित ग्रामीणों ने उनके शव को जलेसर अवागढ़ रोड पर रखकर जाम लगा दिया. जिसके बाद जिला पुलिस और प्रशासन मे हड़कंप मच गया. इसके बाद एटा के जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उदय शंकर सिंह ने कई थानों के पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और समझा बुझा कर जाम खुलवाया.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, एटा के जलेसर थाना क्षेत्र के पुन्हैरा गांव मे 27 जून को एक विवादित ज़मीन की नाप तौल के बाद दो पक्षों के बीच हुई मारपीट हो गई थी. जिसके बाद गांव के पूर्व प्रधान शैलेन्द्र पाल सिंह की इलाज के दौरान मौत हो जाने पर ग्रामीणों ने अपनी मांगो को लेकर उनके शव को अवागढ़ जलेसर मार्ग पर रखकर जाम लगा दिया. सीओ जलेसर इरफ़ान नासिर और अतिरिक्त उप जिला अधिकारी राम नयन मौके पर पहुंचे और समझा बुझा कर जाम खुलवाने की कोशिश की लेकिन आक्रोशित लोगों ने उनकी एक नही मानी. उसके बाद भी जब जाम नहीं खोला गया तो एटा के जिला अधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एटा उदय शंकर सिंह ने आस पास के थानों के भारी पुलिस फ़ोर्स के साथ मौके पर पहुंचकर मृतक के परिजनों और गांव वालों को समझाने की कोशिश की. इस दौरान बहुत देर तक सड़क मार्ग बाधित रहा.
आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
इस मामले में 9 नामजद और 5 अज्ञात लोगों पर पूर्व मे ही हत्या के प्रयास और मारपीट की रिपोर्ट जलेसर थाने मे दर्ज हो चुकी है और इसके मुख्य आरोपी केशव ने न्यायालय मे सरेंडर भी कर दिया है. इस मौके पर मृतक प्रधान के बेटे गवेंद्र पाल सिंह ने आरोपियों को भू माफिया घोषित कर उनके शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने, केश को 307 और 302 मे तरमीम करने, आरोपियों द्वारा कब्ज़ा की गयी ज़मीन को छुड़ाने की मांग की है.मृतक के बेटे ने आरोप लगाया कि 27 जून को एक विवादित ज़मीन की नाप करने के लिए जब लेखपाल और राजस्व टीम गांव मे पहुंची तो राजस्व टीम के जाने के बाद मोनू उर्फ़ केशव ने अपने साथियों के साथ मिलकर मेरे पिता और अन्य साथियों पर फायरिंग कर दी और धार दार हथियारों से भी हमला किया.
अपर पुलिस अधीक्षक धनंजय सिंह कुशवाह ने जानकारी देते हुए बताया कि 27 जून को पुन्हैरा गांव में पैमाइश के दौरान मारपीट की घटना हुई थी, जिसमें अभियोग पंजीकृत किया गया था. घायल शीलेन्द्र पाल की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. ग्रामीण आक्रोशित होकर सड़क पर आ गए थे, जिन्हें वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समझा बुझाकर रास्ता खुलवा दिया गया है और प्रकरण में सुसंगत धाराओं में वृद्धि कर विवेचना की जा रही है.
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