Etah News: एटा (Etah) में जिला प्रशासन (District Administration) एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है. जिसके चलते प्रशासन काली नदी (Kali River) के किनारे 3000 बीघा ज़मीन पर हरे-भरे पौधे लगाकर उसको एक दर्शनीय प्राकृतिक पर्यटन स्थल के रूप मे विकसित करने की बड़ी योजना पर काम कर रहा है. बुधवार को एटा के जिलाधिकारी अंकित अग्रवाल के निर्देश पर उप जिला अधिकारी शिव कुमार सिंह ने काली नदी के किनारे खाली पड़े इस मैदान का निरीक्षण किया. 


लाखों पौधों का रोपण किया जाएगा
काली नदी के किनारे फैले इस बड़े भूभाग में आने वाले महीने मे लाखों पौधों का रोपण किया जाएगा और वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत वन विभाग यहां पौधे लगाएगा. ये पौधे फलदार और औषधीय पौधे होंगे जिनका प्रयोग औषधि बनाने में भी किया जा सकेगा. इस खाली पड़े मैदान मे काली नदी के द्वारा पानी की सप्लाई भी होती रहती है और इस पूरे इलाके मे काली नदी का किनारा होने के कारण हरियाली है. यहां पास मे ही लालपुर गांव भी है जहां बारिश के दिनों मे काली नदी के तेज बहाव के कारण बाढ़ आ जाती है. यहां पौधारोपण होने और वृक्ष लगाने से यहां पर आसपास के गावों मे बाढ़ का खतरा भी कम हो जायेगा.


3000 बीघा जमीन पर होगा वृक्षारोपण
एटा के उप जिला अधिकारी शिव कुमार सिंह ने बताया कि ये 3000 बीघा का इलाका है. इसमें औषधीय और हरे भरे पौधे लगाकर इसको दर्शनीय प्राकृतिक स्थल के रूप में विकसित करने का प्लान है. जिससे यहां आस पास के लोग प्राकृतिक छटा का आनंद लेने के लिए आया करेंगे. उन्होंने कहा कि ये पर्यावरण के लिए भी बहुत लाभप्रद होगा. सिचाई विभाग एटा के ए ई भारत भूषण ने बताया कि यहां सिचाई विभाग की 251 हेक्टेयर जमीन खाली पड़ी है जो लगभग 3000 बीघा होती है. इस जमीन को सुंदर और हरा भरा बनाने के लिए यहां जिला प्रशासन के वृक्षारोपण करवाने की योजना है. ये काली नदी के किनारे का इलाका है और इसके चारो और हरे भरे जंगल हैं.


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