Etah News: एटा (Etah) जनपद में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (PM Awas Yojana) में अनियमितताओं ओर घोटाले की शिकायतों के बीच जब जिला प्रशासन द्वारा इसकी जांच कराई गई तो कुल 230 आवास ऐसे पाए गए जिन्हें अपात्र लोगों को स्वीकृत कर दिया गया था. इस मामले में अभी तक दो एफआईआर हो चुकी है. अपात्रों को स्वीकृत किए गए 230 आवासों को वापस लेकर पात्र लोगों को देने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है.


एटा जनपद में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 7600 आवास स्वीकृत पात्र लोगों को देने थे. जिनमें से प्रथम चरण में 1900 लोगों को हटा दिया गया था. उसके बाद दूसरे चरण में शिकायतों के बाद जब जिला प्रशासन द्वारा जांच कराई गई तो अलग-अलग ब्लॉक्स में 230 आवास अपात्र लोगों को स्वीकृत कर देने का मामला जांच में पाया गया जिनमें से 20 अपात्रों को पैसा भी रिलीज हो गया था जिसकी अपात्र लोगों से रिकवरी करा लगी गई है. इस मामले में एटा के जिला अधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल के निर्देशन में दो एफआईआर भी दर्ज कराई गईं थी जिनमें पुलिस अपने स्तर से कार्रवाई रही है.
 
इस संबंध में एटा के मुख्य विकास अधिकारी डॉ. अवधेश कुमार वाजपेयी ने बताया कि जनपद एटा में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 7500 से ऊपर का लक्ष्य प्राप्त हुआ था जिसमें से अपात्रों को हटाते हुए रिमांड करते हुए 5578 लाभार्थियों को सेंक्शन जारी किए गए हैं. अभी तक 4581 लाभार्थियों को प्रथम किश्त भेज दी गई है और 268 लाभार्थियों को दूसरी किस्त भेज दी गई है. बचे हुए लाभार्थियों के खातों का वेरिफिकेशन चल रहा है. ये पूरा होने पर उनको भी किस्त भेज दी जाएगी. जिन 230 अपात्र लोगों को आवास स्वीकृत हो गए थे उनमें से 20 को पैसा भी रिलीज हो गया था वो पैसा रिकवरी कर वापस जमा करवा लिया गया है.


पीड़ितों का आरोप - पैसे लेकर दिए गए अपात्रों को मकान
उन्होंने बताया कि जो सूची में नाम होते हैं और पात्र नहीं होते हैं उनको हम लोग रिमांड करते जाते हैं और उनकी जगह अगले पात्रों को शामिल करते जाते हैं. उसी में से 230 अपात्रों को हटाया गया है. जितने गलत लाभार्थी थे उनका पैसा वापस जमा करवाया जा चुका है. अपात्र लोगों को आवास स्वीकृत करने के संबंध में अबतक दो एफआईआर प्रधानों और सचिवों के खिलाफ दर्ज कराई गई थी जिसमें सचिवों को सस्पेंड कर उनकी जांच अपर जिला अधिकारी को दी गई है. पुलिस इन एफआईआर में नियमानुसार कार्रवाई कर रही है. शिकायतकर्ता सत्य भान सिंह का कहना है कि एटा में प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाला हुआ है और अपात्रों को रिश्वत लेकर आवास स्वीकृत किए गए हैं. जबकि दूसरे शिकायतकर्ता पूर्व प्रधान संजय सिंह का कहना है कि इस योजना में एटा में सीडीओ और बीडीओ ने मिलकर भ्रष्टाचार किया है और जिसको लेकर शिकायत की गई थी.


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