Etah Police News: एटा में बाहर से आकर रह रहे संदिग्ध परिवारों के ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई हुई है. इस दौरान करीब 70 लोगों से पूछताछ की गई. कई वर्षों से ये परिवार शीतलपुर में झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं. इनके रोहिंग्या और बंग्लादेशी होने के शक में पुलिस ने ये एक्शन लिया है. एसएसपी राजेश कुमार के नेतृत्व में इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है.


पुलिस फोर्स की मौजूदगी में छापेमारी
एटा पुलिस ने ऐसे लोगों के ठिकाने पर छापामार कार्रवाई की है जो पिछले कुछ वर्षों से बिना पुलिस को सूचना दिए यहां झोपड़ी बनाकर रह रहे थे. पुलिस ने भारी पुलिस फोर्स के साथ शक के आधार पर की छापामार कार्रवाई की. इस दौरान इनके घरों की तलाशी ली गयी और पूछताछ की गयी. यहां मिले कई संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है. पुलिस को शक है कि असम से भगाए जाने पर ये लोग यहां आकर बस गए और यहां पर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देते हैं.


पुलिस ने आईबी को सौंपी जांच 
एटा के एसएसपी राजेश कुमार सिंह ने बताया कि असम से आकर करीब 25 परिवार के 60-70 लोग यहां काफ़ी दिनों से रह रहे हैं. ये कबाड़े का काम कर रहे हैं. इनके पास आधार कार्ड, पेन कार्ड और बैंक अकाउंट भी हैं, जिनमे कुछ फर्जी भी लग रहे हैं. एलआईओ, आईबी और एसआईओ की टीमें भी हमारे साथ इनका पता लगाने में जुटी हुई हैं और अगर ये बांग्लादेशी और रोहिंग्या हैं तो इनके खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.


आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का शक 
इनको शीतलपुर में पप्पू और भूरा नाम के दो व्यक्तियों ने यहां किराये पर रखकर बसाया है. ये 3 हजार और 4 हजार का किराया देते हैं. पुलिस के अनुसार इनका असम से भी वेरिफिकेशन कराया जा रहा है. ये खुद को असम के गागोई और गौहाटी का बता रहे हैं. पुलिस को शक है कि केवल कबाड़ा बीनने से 70 लोगो की रोजी रोटी नहीं चल सकती. उसके लिये ये अपराध का सहारा लेते हैं.


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