Etah News: तहसील दिवस में BJP विधायक को नहीं मिली बैठने की जगह, अधिकारियों को हड़काते हुए पूछा- 'सीट कैसे नहीं लगी?'
Uttar Pradesh के Etah में सम्पूर्ण समाधान दिवस में पहुंचे अलीगंज BJP विधायक सत्यपाल सिंह राठौर अपनी सीट और नेम प्लेट न लगने पर भड़क गए. अधिकारी मनाते रहे पर वे नहीं माने और चले गए.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के एटा (Etah) जनपद की अलीगंज तहसील में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस (Sampoorna Samadhan Diwas) में उस समय अजीबोगरीज स्थिति पैदा हो गयी जब समाधान दिवस में पहुंचे अलीगंज के विधायक सत्यपाल सिंह राठौर (MLA Satyapal Singh Rathore) को सीट नहीं मिली. अपने लिए सीट न होने और उसपर नाम की नेम प्लेट न लगी होने से विधायक का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया.
लगाया ये आरोप
विधायक ने वहां उपस्थित अधिकारियों को हड़काते हुए कहा "सीट कैसे नहीं लगी? आप बताइये? क्या ऊपर से आदेश है कि विधायक नहीं बैठेगा? आप बताओ? तमाशा बना रखा है, तुम लोग डकैती जो डाल रहे हो अब हम तुम्हें बताएंगे. विधायक यहीं नहीं रुके वे बोले "तुम्हारे लेखपाल डकैती डालें, कानूनगो डकैती डालें.
उत्तर प्रदेश के एटा जिले की अलीगंज तहसील में संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान सीट और नेम प्लेट न लगने पर बीजेपी विधायक भड़क गए और जिला प्रशासन पर गम्भीर आरोप लगा दिए. यूपी के एटा में अलीगंज तहसील सभागार में संपूर्ण समाधान दिवस का आयोजन 4 जून को था जिसमें एडीएम प्रशासन आलोक कुमार को अलीगंज में जन समस्याओं का समाधान करने के लिए जिलाधिकारी द्वारा निर्देशित किया गया था.
अपनी नेम प्लेट न देख भड़के
एडीएम संपूर्ण समाधान दिवस में नहीं पहुंचे और अपर पुलिस अधीक्षक भी नहीं पहुंचे. दोनों गैर हाजिर अधिकारियों की गैर मौजूदगी में भी उनकी कु्र्सी पड़ी थी और उसपर उनकी नेम प्लेट भी लगी थी. वहां बड़े अधिकारीयों की अनुपस्थिति के दौरान सीओ अलीगंज राजकुमार सिंह, तहसीलदार अलीगंज राजेश कुमार जन समस्याएं सुन रहे थे. तभी अचानक अलीगंज के बीजेपी विधायक सत्यपाल सिंह राठौर वहां पहुंचे तो उनके लिए वहां सीट नहीं थी. अपने लिए सीट और नेम प्लेट न देखकर विधायक भड़क गए.
मनाने पर भी नहीं माने, चले गए
विधायक सत्यपाल सिंह ने अधिकारीयों पर बरसते हुए पूछा कि, सबसे पहले ये बताइए कि इस परिसर में हमारी सीट और हमारी नेम प्लेट कैसे नहीं लगी? क्या ऊपर से कोई आदेश है कि समाधान दिवस में विधायक नहीं बैठेगा? उन्होंने पूछा कि जब एएसपी और एडीएम नहीं आए हैं तो उनकी नेमप्लेट और सीट कैसे लग गई?
इसके बाद विधायक तहसील के हाल से बाहर निकले और अपनी गाड़ी में बैठकर चले गए. इस बीच तहसीलदार और अन्य अधिकारी उनको मनाते रहे पर वे नहीं माने.
बड़े सवाल खड़े हो रहे
कुल मिलाकर जिस तहसील दिवस को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सर्वोच्च प्राथमिकता देते हैं उसको एटा जिला प्रशासन ने तमाशा बनाकर रख दिया है. बड़े अधिकारी तहसील दिवस में पहुंचे ही नहीं हैं. उनकी नेम प्लेट लगी कुर्सी खाली पड़ी रही. विधायक पहुंचे तो उन्हें अपनी कुर्सी ही नहीं मिली तो वे भड़क गए.
विधायक के आरोपों से साफ लग रहा है कि एटा प्रशासन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. जब सत्ताधारी दल का विधायक ही भरी तहसील में सबके सामने अधिकारियों से कहे कि तुम डकैती डाल रहे हो, तुम्हारे लेखपाल और कानूनगो डकैती डाल रहे हैं तो फिर इसकी गंभीरता को समझा जा सकता है. क्या योगी सरकार का जीरो टॉलरेंस का फॉर्मूला एटा में लागू नहीं होता है? ये एक प्रश्न है.