Etawah: दवा की भारी कमी से जूझ रहा इटावा का अस्पताल, कोविड वार्ड में इलाज के लिए नहीं मिल रहे डॉक्टर
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर विभाग के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं, लेकिन इटावा जिले के सरकारी अस्पतालों की स्थिति में सुधार होता नहीं दिख रहा है.
UP News: इटावा (Etawah) में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर संयुक्त चिकित्सालय डॉक्टरों की कमी की समस्या से जूझ रहा है. यहां सरकारी डॉक्टरों की संख्या 132 होनी चाहिए लेकन कई महीनों से यहां केवल 64 डॉक्टर ही मौजूद हैं. इस बारे में इटावा के मुख्य चिकित्साधिकारी गीताराम का कहना है कि डॉक्टर की कमी को लेकर शासन को कई बार पत्राचार किया गया है लेकिन अभी भी जिला अस्पताल मात्र संविदा डॉक्टर (Contract Doctors) के भरोसे चल रहा है.
वहीं, जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों को कई मुख्य दवाओं की भी पूर्ति नहीं हो पा रही है. साथ ही जिले में मौजूद आठ सीएचसी और 32 पीएचसी में भी दवाओं का गहरा संकट है. बार-बार मांगने के बावजूद भी दवाएं नहीं आ रही हैं. जिला अस्पताल की बात करें तो यहां पिछले दो साल से हाई ब्लड प्रेशर की दवा निफेडीपाइन मौजूद नहीं है, एंटीबायटिक टेबलेट एमॉक्सिसिलिन दो महीने से और सेफेक्ससीम पिछले एक साल से उपलब्ध नहीं है. एंटी-एलर्जी टेबलेट सिटिजन और सिरप भी सरकारी अस्पताल से गायब है. वहीं इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी गीताराम का कहना है कि जो दवाएं मेडिसिन सेंटर में नहीं है. उनकी मांग शासन से की गई है जो दवाएं आ जाती हैं उनका वितरण करा दिया जाता है.
100 बेड के कोविड अस्पताल की यह है हालत
100 बेड के कोविड-19 अस्पताल का उद्घाटन 2019 में सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया था. कहने को तो यहां कोरोना वायरस की तैयारियों को लेकर सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए सारे उपकरण मौजूद हैं. पीएम केयर्स फंड द्वारा भेजे गए आठ वेंटीलेटर समेत अठारह वेंटिलेटर कोविड अस्पताल में मौजूद हैं. साथ ही दो मिनी वेंटिलेटर भी यहां पर मौजूद हैं. साथ ही कोविड मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं को लेकर उपकरण तो सारे मौजूद हैं, लेकिन कोविड अस्पताल में भी अभी तक डॉक्टर्स की तैनाती नहीं की गई है. यहां फिलहाल मशीनों को नियमित रूप से ऑन कर चेक किया जाता है.
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