चंबल और यमुना नदी का पानी घटने के बाद नहीं मिल रहा है पीने का पानी, दहशत में हैं लोग
यूपी के इटावा में बाढ़ का पानी अपने पीछे गांव में कीचड़ और गंदगी छोड़ गया है. इससे बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है. गांव के लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं.
Etawah Flood: उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में चंबल और यमुना नदी में बाढ़ का पानी कम होने के साथ ही अब ग्रामीण इलाकों में लोगों को नई मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को पीने का साफ पानी नहीं मिल रहा है. लोग हैंडपंप से आ रहे बाढ़ का पानी को पीने को मजबूर हैं. इतना ही नहीं पानी भरने से कई घरों में गहरे गड्ढे हो गए हैं और दरारें भी आ गई हैं जिससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है.
दूषित पानी पीने को मजबूर हैं लोग
इटावा के कई इलाकों मे यमुना और चंबल नदी के बाढ़ का पानी गांव से निकलना शुरू हो गया है. ये एक तरफ गांव वालों के लिए राहत की बात है. पिछले 6 दिनों से लोग घरों की छत और ऊंचे टीलों पर रहने को मजबूर थे. लेकिन, अब वापस अपने घरों में लौटे लोगों के लिए आफत की बात ये है कि बाढ़ का पानी जो अपने पीछे गांव में कीचड़ और गंदगी छोड़ गया है उससे बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है. गांव के लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. वही, पानी निकलने के बाद गांव में कई मकानों में गड्ढे हो गए हैं और दरारें आ गई हैं.
बर्बाद हो चुकी हैं फसलें
इटावा में चंबल और यमुना नदी में आई बाढ़ से जहां लगभग 40 गांव जलमग्न हो गए थे तो वहीं कल से यमुना और चंबल नदी का पानी कम होने लगा है. पानी घटने के बाद ग्रामीणों की गांव मे आवाजाही शुरू हो गई है. चकरनगर ब्लॉक में यमुना नदी से सटे गौहानी और भरेह गांव में लोग परेशान हैं. गौहनी में 200 परिवार रहते हैं तो वहीं भरेह गांव मे 300 से ज़्यादा परिवार हैं. फिलहाल इन गांवों से पानी तो निकल गया है लेकिन अभी भी किसानों के खेत पूरी तरह से पानी में डूबे हुए हैं. खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो चुकी हैं.
नहीं मिली है मदद
वहीं, ग्रामीणों को प्रशासन से पिछले 6 दिनों से खाने-पीने की कोई मदद नहीं मिल पाई है. सबसे बड़ी दिक्कत पीने की पानी की आ रही है. हैंडपंप से बाढ़ का दूषित पानी निकल रहा है जिसे ग्रामीण उबालकर पीने को मजबूर हैं. बाढ़ के पानी की वजह से कई मकानों में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं जिसकी वजह से भी ग्रामीणों में दहशत है. फिलहाल दूर-दराज के गांवों में प्रशासन का कोई भी बड़ा अधिकारी नहीं पहुंचा है.
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