Etawah Crime News: इटावा (Etawah) में फर्जी आईआरएस अफसर अपने चार साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया है. इसके साथ ही फर्जी हथियार लाइसेंस की रिवाल्वर और 315 बोर बंदूक समेत विभिन्न बोर के 36 कारतूस और कार बरामद की गई है. गैंग का सरगना मनीष जाटव इससे पहले भी इटावा सिविल पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है. गिरफ्तार सभी अपराधियो के खिलाफ अलग-अलग जिलों में दर्जनों अपराधिक मामले दर्ज हैं.
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने जसवंतनगर थाना क्षेत्र में बीते रविवार को वाहन चेकिंग के दौरान क्रेटा कार सवार पांच लोगों को रोका. उनके पास मौजूद असलहा के कागजात मांगने पर रिवाल्वर का लाइसेंस दिखाया गया, लेकिन बंदूक का लाइसेंस नहीं दिखा सकें. इसके बाद पुलिस ने पूछताछ के लिए सभी लोगों को हिरासत में लिया है. वहीं जगसौरा निवासी शीला ने मनीष और उसके साथियों के खिलाफ घर में घुसकर धमकी, रंगदारी, गाली गलौच करने पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है.
क्या है पूरा मामला?
एसएसपी संजय कुमार वर्मा ने बताया कि जसवंतनगर पुलिस ने फर्जी आईआरएस अधिकारी बनकर लोगों पर रौब जमाने और अपने निजी लाभ के लिए लोगों को अधिकारी बताकर लाभ उठाने वाले मनीष कुमार और उसके चार अन्य साथियों को एक रिवाल्वर, एक राइफल बरामद की है. रिवाल्वर का लाइसेंस देखने पर पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो उसने बताया कि मैने फर्जी आईआरएस बनकर यह लाइसेंस गौतमबुद्ध नगर से बनवाया है. साल 2020 में जेल जाने पर लाइसेंस निरस्त हो गया था.
एसएसपी ने आगे बताया कि आरोपियों ने निरस्त लाइसेंस में हेरा फेरी करके रिवाल्वर मध्य प्रदेश के मुरैना से खरीदी थी. वहीं राइफल और क्रेटा कार के कागज भी नहीं दिखा सके. वहीं मनीष एक बैंक में पीओ के पद पर तैनात था, जहां इसने लोन के मामले में हेरा फेरी की थी जिसके बाद इसको नौकरी से बर्खास्त किया गया था. उन्होंने बताया कि मनीष के साथ लव कुश, अंकित कुमार यादव, राजवीर, प्रवीण कुमार को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार करने वाली टीम को पुरस्कार की घोषणा भी की गई है.
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