Etawah News: इटावा में फसल बीमा के नाम पर किसानों से भद्दा मजाक, 5 बीघा फसल पर मिला 129 रुपये का मुआवजा
Etawah News: ग्रामीणों ने कहा कि उन्होंने अपनी फसल का बीमा कराया था, उन्हें उम्मीद थी कि बाढ़ में फसल बर्बाद होने के बाद हुए नुकसान की भरपाई बीमा से हो जाएगी, लेकिन उनके साथ खिलवाड़ हो गया.
Etawah Crop Insurance: उत्तर प्रदेश के इटावा (Etawah) में बाढ़ में बर्बाद हुई किसानों की खरीफ़ की फसल के बीमा में 5 बीघा बाजरा का मात्र 129 रुपये का मुआवजा मिला. यहां पर पिछले साल आई बाढ़ में किसानों की फसलें बर्बाद हो गई थीं. जिले के चकरनगर, बढ़पुरा, नगला तौर समेत कई क्षेत्रों में बरसात और बाढ़ से खरीफ की फसल का पूरी तरह से जलमग्न हो गई थी. जिले में करीब दो दर्जन ऐसे किसान हैं जिनको मुआवजे के नाम पर मात्र 129 से 400 रुपये फसल का मुआवजा मिला है.
जनपद के आठ ब्लॉक से लगभग 12,315 किसानों की खरीफ़ की फसल का बीमा करवाया था, कई बीघा फसल का दो दर्जन से अधिक किसानों को 400 सौ रुपये से कम, कुछ किसानों को तो मात्र 129 रुपये मुआवजा मिला. किसानों का कहना है कि सरकार और बीमा कंपनियों ने हम किसानों के साथ सिर्फ मजाक किया है. नोडल अफसर और कृषि उपनिदेशक ने फसल बीमा कंपनी से मिले मुआवजे की जांच करवाने के निर्देश दिए है.
बीमा कपंनियों का किसानों से मजाक
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नाम से चल रही बीमा योजना जिसमें किसान अपनी फसलों का बीमा करा सकते हैं. जिसमें फसल को होने वाले प्राकृतिक नुकसान की भरपाई बीमा कंपनी के द्वारा किसानों को प्रदान की जाती है, लेकिन इस योजना पर प्राइवेट बीमा कंपनियां करोड़ों का चूना लगा रही हैं. बीमा की किश्त वसूलने वाली कंपनी किसानों को राहत देने के नाम पर मजाक बना रखा है. इटावा जनपद में खरीफ की फसल में प्रमुख तौर पर बाजरा, मक्का की पैदावार होती है. इटावा के चकरनगर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत चंबल और यमुना नदी होने की वजह से वहां बाढ़ के हालात बन गए थे जिसमें हजारों बीघा जमीन जलमग्न हो गई थी और फसलें नष्ट हो गई थी.
किसानों को उम्मीद थी कि उनकी फसल का बीमा होने की वजह से उन्हें पैसे मिल जाएंगे. इन किसानों ने "यूनिवर्सल सोपों जनरल इंश्योरेंस कंपनी" से फसल का बीमा कराया था. जिसने फसल बीमा के नाम पर हजारों रुपये प्रीमियम के साथ लगभग 3 करोड़ रुपये से अधिक रुपया वसूला था, लेकिन किसानों की बाढ़ में हुई फसलों के नुकसान पर भरपाई करने हेतु मुआवजा के नाम पर मजाक कर दिया. चकरनगर तहसील के ग्राम डिभौली के किसानों को 129 रुपये का मुआवजा देकर उनके साथ खिलवाड़ किया गया है.
5 बीघा बाजरा का मुआवजा सिर्फ 129 रुपये
डिभौली गांव के निवासी राकेश कुमार ने कहा कि उन्होंने 5 बीघा खेत में बाजरा की फसल बोई थी. बाजरा पूरा तैयार हो गया, बालें लगी हुई थी, लेकिन तभी बाढ़ आ गई और पूरी फसल हमारी नष्ट हो गई. हमारी फसल का बीमा हो चुका था इसलिए हम निश्चिंत थे कि हमारे नुकसान की भरपाई हो सकेगी, लेकिन जब बीमा कंपनी ने मुआवजा दिया तो मात्र 129 रुपये दिए हैं. अगर पैदावार होती तो 15 कुंतल बाजरा की पैदावार होती जिसका बाजार भाव लगभग 30 हजार रुपये होता है.
इसी गांव के दिव्यांग होम सिंह ने बताया कि हमने भी फसल बीमा करा रखा था. बीमा कंपनी ने 342 रुपये मुआवजा दिया है. ये हमारे साथ धोखा है. हमारी सरकार से मांग है कि जितनी लागत है, कम से कम उतना मुआवजा तो मिलना ही चाहिए.
कृषि उपनिदेशक ने कही ये बात
कृषि उपनिदेशक डॉ आर एन सिंह जो कि नोडल अफसर भी है उनके मुताबिक फसल बीमा का आधार होता है. किसान स्वेक्छा से बीमा करवाता है. जो नुकसान होता है उसके आधार पर बीमा कंपनी वह बता देती है. पूर्णतया और आंशिक क्षति के आधार पर मुआवजे का प्रावधान है. यदि किसी किसान का मुआवजा बहुत कम मिला है और नुकसान अधिक है तो ऐसी स्थिति में इसकी जांच कराई जाएगी, कोई लापरवाही हुई है, तो उसे मुआवजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा.
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