Etawah News: यूपी के इटावा (Etawah) में सर्व शिक्षा के अंतर्गत स्कूल चलो अभियान पर खेत में आलू की खुदाई भारी पड़ रही है. दरअसल, पढ़ाई और परीक्षा की तैयारी छोड़ ग्रामीण इलाकों के बच्चे खेत में आलू किसान और ठेकेदारों के द्वारा दिए जाने वाले 300 रुपये में लेकर दिहाड़ी मजदूरी कर रहे हैं. इस बारे में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि इन दिनों स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति कम है. बच्चे खेतों में पैसों के लालच में काम कर रहे है. जल्द ही श्रम विभाग के साथ मिलकर ऐसे ठेकेदारों पर कार्रवाई की जाएगी. इसी के साथ लेबर इटावा मंडल की श्रमायुक्त ने कहा कि बच्चों से काम कराना अपराध की श्रेणी में आता है. स्थलीय जांच कर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.


इटावा में परिषदीय स्कूलों की संख्या 1484 है, जिसमें 1 लाख 39 हजार बच्चे पंजीकृत है. ग्रामीण इलाकों में परिवार के भरण पोषण में हाथ बंटाने के लिए सरकारी स्कूल के बच्चे इन दिनों पढ़ाई छोड़ खेत में आलू खुदाई में लगे हुए है. इसके लिए उन्हें आलू ठेकेदार या किसान की तरफ से 250-300 रुपये मजदूरी भी मिल रही है. इटावा में कुल 1484 प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय है, जहां 1 लाख 39 हजार छात्र-छात्राएं पंजीकृत है. इन दिनों चल रहे आलू खुदाई के सीजन में ग्रामीण इलाके में परिषदीय स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति घटकर केवल 40 प्रतिशत के करीब रह गई है जिससे परेशान होकर बेसिक शिक्षा विभाग ने श्रम विभाग के साथ मिलकर स्कूली चाइल्ड लेबर को लेकर कार्रवाई करने का मन बना लिया है.


अब बेसिक शिक्षा विभाग लेगा ये एक्शन
इटावा में आलू की अच्छी पैदावार होती है खास तौर पर जसवंत नगर और इकदिल ब्लॉक में आलू की बंपर पैदावार होती है, जिसके चलते यहां आलू खुदाई के लिए अधिक संख्या में लेबर की जरूरत होती है, इसलिए आलू किसान आपने अपने गांव से ही 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों को आलू बीनने के काम में लगा देते है जिसके लिए एक बच्चे को एक दिन में 250 से 300 रुपए तक मजदूरी मिल जाती है. इसी के चलते प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों की पढ़ाई व्यवस्था चौपट हो रही है.


वहीं इस बारे में इटावा के बेसिक शिक्षा अधिकारी शैलेश कुमार मानते हैं कि इन दिनों आलू खुदाई का सीजन चल रहा है, जिसका असर स्कूलों में छात्र-छात्राओं की संख्या पर पड़ रहा है. स्कूली छात्र छात्राओं से मजदूरी कराए जाने को लेकर श्रम विभाग से संपर्क किया जा रहा है. जल्द ही ऐसे लोगों पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी, जो बच्चों से मजदूरी करवा रहे हैं.


इस बारे में इटावा की श्रम उपायुक्त श्वेता गर्ग ने बाल मजदूरी को लेकर कहा कि बाल श्रम रोकने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत हम लोग 69 बच्चों को बाल मजदूरी से निकाल चुके हैं. स्कूल बच्चों से खेतों में श्रम कराए जाने को लेकर श्रम उपायुक्त ने कहा कि शिक्षा विभाग के माध्यम से इसकी स्थलीय जांच कराई जाएगी और जो भी आलू किसानी ठेकेदार बच्चों से श्रम करवाता हुआ मिलेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.


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