Electricity Theft Case in Etawah: इटावा में एक अजीब तरह की बिजली चोरी का मामला सामने आया है. जहां ट्रांजिस्ट हॉस्टल में रह रहे 18 'A' ग्रेड अधिकारी बिना बिजली कनेक्शन के सालों से बिजली विभाग को चूना लगा रहे थे. ये लोग अब तक बिजली विभाग को लाखों का चूना लगा चुके हैं. बिजली विभाग की शिकायत के बाद इस मामले में जिलाधिकारी (Etawah DM) को हस्तक्षेप करना पड़ा और अधिकारियों के साथ मीटिंग कर बिजली विभाग के अधिकारियों को तुरंत कनेक्शन कर बकाया बिल जमा कराने के लिए आश्वस्त कराया है. 


जानिए कैसे हुई लाखों की बिजली चोरी
दरअसल ये मामला इटावा (Etawah) के सिविल लाइन (Civil Line Area) इलाके में बने ट्रांंजिस्ट हॉस्टल (सरकारी आवास) का है जहां पर जिले के ए क्लास अधिकारी रहते हैं. यहां पर रूटीन चैकिंग के लिए बिजली विभाग की टीम पहुंची हुई थी. इसी दौरान बिजली विभाग के कर्मचारियों को बिना कनेक्शन के रहते हुए 18 ए क्लास अधिकारी मिले, जो पिछले कई सालों से बिना बिल दिए हुए रह रहे थे. इन अधिकारियों में कोई तहसीलदार, कोई सहायक निर्वाचन अधिकारी, कोई चकबंदी अधिकारी, कोई अवर अभियंता, कोई डूडा में परियोजना अधिकारी तो कोई पूर्ति अधिकारी जैसे बड़े पद पर तैनात हैं. औसतन इन 18 अधिकारियों पर लाखों का बिल बकाया है. जिसे बिना चुकाए ही कई अधिकारी इटावा से ट्रांसफर तक ले चुके हैं 


सालों से चल रहा था बिजली चोरी का खेल


दरअसल, ट्रांजिट हॉस्टल जो कि पिछले कई सालों से अधिकारियों का रहने का ठिकाना बना हुआ है जब ये बिल्डिंग बनकर तैयार हुई तब बिजली विभाग के द्वारा नियमित तौर पर प्रत्येक आवास पर मीटर कनेक्शन दिया गया लेकिन जब इटावा से ट्रांसफर होने के बाद अधिकारी दूसरे जिलों में गए तब बिना बिजली का बिल जमा करे हुए इटावा से चले गए. ऐसे में जिस अधिकारी के नाम से बिजली कनेक्शन था बिल जमा न करने पर वह कनेक्शन काट दिया गया. जब दूसरा अधिकारी इटावा जनपद आया तब उसको कनेक्शन कटा हुआ मिला और यहीं पर इन अधिकारियों की लापरवाही देखने को मिली. जब उनके द्वारा नया कनेक्शन लेने की जरूरत नहीं समझी गई और बिना कनेक्शन लिए ही अधिकारी उस आवास में रहने लगे और ऐसे एक दो नहीं बल्कि पूरे 18 अधिकारी इस ट्रांजिट हॉस्टल में बिना कनेक्शन लिए एवं बिना बिजली का बिल जमा करे हुए बरसों से रहते आ रहे हैं. 

हॉस्टल में लगाए गए नए बिजली के मीटर
इस मामले को लेकर मौके पर मौजूद सीनियर डिवीज़न ऑफिसर विवेक कुमार ने एबीपी गंगा को बताया कि एक रूटीन चेकिंग के दौरान इस ट्रांजिस्ट हॉस्टल में इतनी बड़ी अनियमितता का पता चला है. जिसके बाद यहां पर नए मीटर लगाकर पुराने बिजली के बिल का एस्टीमेट बनाकर दे दिए गए है. अब अगर पुराना शुल्क जमा नही होता तो नियमानुसार कार्यवाही भी की जाएगी. 


डीएम ने दिलाया ये भरोसा
इस पूरे मामले पर जिलाधिकारी को अवगत करा दिया गया है और उन्होंने मीटिंग कर सभी 18 अधिकारियों से बकाया शुल्क जमा कराने की ज़िम्मेदारी ली है.
वहीं बिजली विभाग के अधिकारी इसको दबी ज़ुबान में बिजली चोरी के साथ बड़ी लापरवाही और अनियमितता बता रहे है बिना बिजली विभाग को अवगत कराए वो बिजली का इस्तेमाल कर रहे थे.