UP Electricity Workers Strike: इटावा बिजली कर्मियों की हड़ताल के चलते जिला अस्पताल की बत्ती गुल हो गई है. अस्पताल की बिजली गायब होने से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुई हैं, इसके साथ ही सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड मशीन भी बंद हो गईं. वहीं लाइट जाने से वार्डो में अंधेरा छा गया. दूरदराज इलाके से इलाज, सीटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड कराने के लिए पहुंच रहे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इस मामले को लेकर सीएमएस राम बिहारी ने कहा कि हड़ताल को देखते हुए पहले ही जेनरेटर के लिए डीजल का इंतजाम कर लिया गया है.


जिला अस्पताल के सीटी स्कैन रूम के बाहर पोस्टर चस्पा कर दिया गया जिसमें लिखा है कि लाइट न होने के कारण सिटी स्कैन नहीं हो सकेगा. वहीं जिला अस्पताल की अलग-अलग सेवाएं भी बंद हो गईं, हालांकि जिला अस्पताल में वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर डीजल और जनरेटर का इंतजाम किया गया है. लेकिन केवल मरीजों तक तो सुविधाएं लाइट से दी जा सकती है इसके तत्पश्चात अधिक समय तक वार्डों में अंधेरा भी हो गया है. रात में लाइट जाने पर तो जनरेटर की सुविधा मिली लेकिन दिन में अंधेरा छाया रहा. मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के अनुसार वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर हम लोगों ने जनरेटर का इंतजाम कर रखा है किंतु फिर भी इस तरह की परेशानी से निपटने के लिए छोटी मोटी तो समस्याएं होती ही हैंय


वहीं अधीक्षण अभियंता ने कहा कि शहर की बिजली व्यवस्था को चालू कराने के लिए प्रयास किया जा रहा है. ऐसे हड़ताली कर्मचारियों को चिन्हित किया जा रहा है जो अन्य कर्मचारियों को भड़काने का काम कर रहे हैं. इटावा में बिजली कर्मियों की हड़ताल शुरू हुई तो उसके बाद जिला प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था के दावे तो किए लेकिन संविदा कर्मियों के हड़ताल पर जाने से विद्युत आपूर्ति बाधित होने लगी. इटावा में लगभग 300 विद्युत कर्मचारी संविदा सहित सभी लोग हड़ताल पर बैठे हुए हैं. लगातार अपनी मांगे मनवाने को लेकर जिस तरह से प्रयास कर रहे हैं तो उसके बाद कुछ समय तक तो विद्युत आपूर्ति चलती रही लेकिन संविदा कर्मियों के भी हड़ताल पर जाने से विद्युत व्यवस्था लड़खड़ाने लगी.


तेज हवा और बूंदाबांदी से चरमराई विद्युत व्यवस्था 


इसके साथ ही कल शाम को तेज हवा और बूंदाबांदी से विद्युत व्यवस्था चरमरा गई रात में ही कई क्षेत्रों की विद्युत गायब हो गई जिसकी वजह से सुबह पानी की किल्लत शुरू हुई मोहल्ले वासी तो परेशान हुए ही साथ ही साथ जिला अस्पताल में भी विद्युत आपूर्ति का संकट गहराने लगा. अधीक्षण अभियंता विद्युत विभाग ने बताया की समस्याएं शहर में बढ़ गई है जब से संविदा कर्मी हड़ताल पर गए हैं. लेकिन जिला अस्पताल की लाइट नहीं पहुंच रही है तो उसके लिए प्राथमिकता के आधार पर लाइट को सुचारू किया जा रहा है और जो संविदा कर्मी भड़काने में लगे हुए हैं उन को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी.


ग्रामीण क्षेत्रों में निरंतर चल रही है सप्लाई 


मुख्य चिकित्सा अधीक्षक का कहना है कि हम लोगों को पूर्व से अवगत कराया गया था जिसमें कहा गया कि 17 और 18 मार्च को हड़ताल होने की वजह से दिक्कत हो सकती है. इसलिए हम लोगों ने जनरेटर और डीजल का इंतजाम कर रखा है रात में लाइट जाने पर जनरेटर चलाया गया था. हालांकि दिन में लाइट ना होने की वजह से थोड़ी सी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है लेकिन हम लोग लगातार प्रयास कर रहे हैं कि जिला अस्पताल की बिजली निरंतर चलती रहे. अधीक्षण अभियंता का कहना है हड़ताल होने से शहर में दिक्कत अधिक है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में सप्लाई निरंतर चल रही है. कल से संविदा कर्मियों के हड़ताल पर जाने से कठिनाई बढ़ गई है लेकिन हम लोग भड़काने वाले संविदा कर्मियों को चिन्हित कर रहे हैं. जिन पर कार्रवाई की जाएगी जिला अस्पताल में आपूर्ति बंद है उसकी चेकिंग कराई जा रही है प्राथमिकता के आधार पर अस्पताल में बिजली चालू करवाई जाएगी.


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