UP News: इटावा (Etawah) के बीहड़ में ऐतिहासिक पचनद किनारे चंबल (Chambal) के पहले 'कटहल फेस्टिवल' का आयोजन किया गया. ऐतिहासिक पचनद (पांच नदियों के संगम) में चल रहे कटहल फेस्टिवल में बड़ी संख्या में सैलानी पहुंचे हैं. चंबल फाउंडेशन ने इसका आयोजन किया था जिसमें लोगों को कटहल के उत्पादन के बारे में जानकारी दी गई.
कटहल उत्पादन के लिए मशहूर था चंबल
फेस्टिवल में पहुंचे पर्यटकों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योग कराया गया. कई सैलानियों ने पंचनद के किनारे बीत रात कैम्पिंग भी की. चंबल फाउंडेशन चंबल घाटी की सकारात्मक पहचान पेश करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. इसी प्रयास के तहत कटहल फेस्टिवल आयोजित किया गया. इस महोत्सव की वजह यह है कि एक जमाने में चंबल में कटहल के उत्पादन के लिए मशहूर था.
कभी कुख्यात डाकुओ की गोलियों से थर्राने वाली चंबल घाटी में कटहल के लजीज व्यंजन का लुत्फ उठाने पर्यटक पहुंच रहे हैं. इस फेस्टिवल में कई प्रदेशों और विदेश से लाए गए कटहलों की प्रदर्शनी लगाई गई. चंबल के बीहड़ में पैदा हुए सबसे बड़े साइज के कटहल देखने के बाद पर्यटकों ने दांतों तले उंगली दबा ली जबकि थाईलैंड के रंगीन कटहल ने लोगों को देख हैरान हो गए.
कटहल का पेड़ देने पर मिल जाती थी जमानत
दरअसल ब्रिटिश काल में चंबल में बड़े पैमाने पर कटहल की खेती होती थी. ऐसा कहा जाता है कि हत्या जैसे संगीन मामले में कटहल के पांच पेड़ देने पर जमानत मिल जाती थी. पांच नदियों के संगम तट पर यह मंज़र अपने आप अनोखा था. संगम के नजदीक दस्यु सरगना सलीम गुर्जर उर्फ पहलवान के गांव के नजदीक सिंध नदी में राफ्टिंग की गई.
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