UP News: इटावा लायन सफारी (Etawah Lion Safari) का दुनिया भर में नाम बढ़ाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाला बब्बर शेर 'मनन' की हालत बिगड़ गई है. मनन के शरीर में पिछ्ले हिस्से पर एक गांठ दिख रही है. जिससे सफारी प्रसाशन की नींद उड़ी हुई है. कोविड के समय से यह गांठ मनन के शरीर पर थी. मनन की सेहत के गिरावट से सफारी अधिकारी परेशान हैं. 4 वर्ष पूर्व इस गांठ को निकालने का निर्णय लिया गया था. लेकिन कोविड के चलते ऑपरेशन संभव नहीं हो सका था.


14 साल उम्र
जानकारी के मुताबिक बीते कुछ दिनों से लायन सफारी का सबसे खास शेरों के कुनबे के गॉड फादर कहे जाने वाले बब्बर शेर मनन की सेहत बराबर गिरती जा रही है. जिसके बाद सफारी अधिकारी परेशान हैं. जिसके लिए सफारी प्रशासन की ओर से अब कानपुर जू के डॉक्टर को उसकी हालत देखने के लिए बुलाया गया है. सफारी के सबसे खास मनन के लिए सफारी कर्मी इसलिए भी चिन्तित हैं क्योंकि वह अकेला ऐसा नर शेर है जिसने बीते 7 वर्षो में सबसे ज्यादा मादा शेरनियों के साथ मीटिंग की है. जिससे उसके 9 शावक सफारी में चहलकदमी कर रहे हैं. एशियाटिक बब्बर शेर की औसत आयु 14 से 17 वर्ष होती है. इस समय मनन 14 वर्ष की उम्र कागजों में पूरी कर चुकी है.


कैंसर की गांठ होने की आशंका
मनन के शरीर पर काफी दिनों से एक गांठ है. जिसके चलते इसको संभावित कैंसर की गांठ होने की आशंका जताई जा रही है. जिसके बाद अब मनन की बॉयोप्सी कराई गई है और उसका सैंपल भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान बरेली को भेजा गया है. जिसकी रिपोर्ट आने का इंतिजार किया जा रहा है. साथ ही सफारी अधिकारी इस बात की भी प्रार्थना कर रहे है कि मनन की यह गांठ कैंसर से जुड़ी न हो क्योंकि मनन सफारी के लिए एक बड़ी आशा बनकर उभरा था.


पूर्व में कैनाइन डिस्टेंपर संक्रमण बीमारी से करीब एक दर्जन से अधिक शेरों और उनके बच्चों की मौत हों गयीं थी. सफारी पर काले बादल मंडराने लगे थे, लेकिन धीरे-धीरे हालात बदले और उस बीमारी पर काबू पाने में सफारी प्रसाशन कामयाब हुआ. सफारी ब्रीडिंग सेंटर में शेरों के नन्हे शावकों ने जन्म लेना शुरू किया. अब सफारी पार्क में 18 एशियाटिक नर, मादा और शावक हैं.


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2014 में आया था मनन
शेर मनन को गुजरात के जूनागढ़ से 11 अप्रैल 2014 को  लाया गया था और  2018 में मनन के शरीर पर एक गांठ पहली बार वहां के चिकित्सकों ने देखी थी. उसकी गांठ की जांच जनवरी 2018 में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान बरेली में कराई गई थी. इसकी रिपोर्ट भी आई तो उसमें ऑपरेशन के लिए भी बताया गया था. सफारी के डिप्टी डायरेक्टर एके सिंह ने बताया कि 2018 में कोरोना के प्रकोप के चलते ऑपरेशन नहीं हो सका था.


क्यों खास है मनन शेर
अब गांठ वाले भाग में कुछ बढ़ोतरी देखी गयी है. साथ ही मनन को स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्याएं भी होने लगी हैं. जिसके बाद कानपुर जू से डॉ नासिर अहमद को सफारी बुलाया गया हैं. उनकी निगरानी में मनन का इलाज चल रहा है. बायोप्सी जांच के लिए नमूना भेजा गया है. मनन की सेहत में लगातार गिरावट आ रही है. उस पर लगातार नजर रखी जा रही है. लायन सफारी में जिन शावकों ने जन्म लिया है, उन सभी का पिता मनन है.


सफारी में इस समय मनन के शावक सिम्बा, सुल्तान, बाहुबली, भरत, रूपा, सोना, केसरी, नीरजा और गार्गी हैं. यही एक कारण है कि सफारी प्रशासन परेशान क्योंकि मनन उनके लिए सफारी पार्क का सबसे प्रिय है. आगे भी मनन से उम्मीद जतायी जा रही थी कि मनन अन्य शावकों को जन्म देने में मदद करेगा. जिससे सफारी पार्क शेरों से गुलजार रहें.


क्या बोले डॉक्टर?
वहीं मनन की बीमारी को लेकर सफारी के डिप्टी डायरेक्टर एके सिंह ने बताया कि बब्बर शेर मनन की बीमारी फिलहाल अभी कोई चिन्हित नहीं हो पाई है. जिससे कि बताया जा सके कि मनन को क्या बीमारी है. 2018 में मनन के पिछले हिस्से पर एक गांठ देखी गई थी. जांच कराने पर यह पता लगा था कि वह कोई खतरनाक बीमारी से ग्रसित गांठ नहीं है. उसका ऑपरेशन कराया जाना था लेकिन कोविड-19 चलते ऑपरेशन नहीं हो सका. अभी पिछले 1 हफ्ते से मनन की हालत काफी गिर चुकी है. शेर अपने आप भोजन नहीं कर पा रहा है बल्कि उसे हाथों से खाना खिलाना पड़ रहा है.


उन्होंने बताया कि क्रॉल में छोड़े जाने पर शेर काफी जल्दी थक जा रहा है. इन सब बातों से लग रहा है कि वह बेहद बीमार है. उसकी गांठ भी पहले से बढ़ गई है, इसीलिए अन्य डॉक्टरों से सलाह मशवरा करने के बाद की बायोप्सी के लिए नमूना आईवीआरआई बरेली भेजा गया है. जिसकी रिपोर्ट 1 हफ्ते में आ जाएगी. बब्बर शेर मनन जोकि अपनी 14 साल की उम्र पार कर चुका है और इटावा लायन सफारी के लिए बेहद उपयोगी है.


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