Uttar Pradesh News: इटावा सफारी पार्क (Etawah Safari Park) में नए साल से पहले पर्यटकों को सफारी की ओर आकर्षित करने के लिए सफारी प्रबंधन ने अब सफारी की 5 हेक्टर भूमि में 4 शेरनियों रूपा, सोना, नीरजा और गार्गी को छोड़ा है. जल्द ही शेर कान्हा को भी शेरनियों के साथ छोड़ा जाएगा. फिलहाल कान्हा को बाहर छोड़ने के लिए ट्रेनिंग दी जा रही है और उसके व्यवहार को देखा जा रहा है. अभी तक सफारी में 18 शेरों का कुनबा था, जिसमें सफारी के सबसे पुराने बब्बर शेर मनन जिसे सफारी का गॉड फादर भी कहां जाता था कि 2 महीने पहले बीमारी के बाद मौत हो गई थी.
सफारी ब्रीडिंग सेंटर में पैदा हुए बब्बर शेर सिम्बा, सुल्तान, बाहुबली, गीगो, कान्हा, सभी मनन से पैदा हुए हैं. साथ ही शेरनी नीरजा, गार्गी, रूपा सोना, हीर, राधिका भी शेर मनन से पैदा हुई हैं. यह सभी शेर शेरनी बब्बर शेर मनन की मेट जेनिफर एवं जेसिका से पैदा हुए हैं. अभी तक सफारी के ब्रीडिंग सेंटर में पैदा हुए शेर शेरनी पिंजड़े के बाहर 1 हेक्टर भूमि में ही रह रहे थे. अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जाने वाले इटावा सफारी में प्रदेश सरकार के द्वारा अभी लायन सफारी का विधिवत शुभारंभ नहीं हो सका है, जिसके चलते इटावा सफारी आने वाले पर्यटकों को शेर न देखने से निराशा हाथ लगती थी. वहीं सफारी प्रशासन ने अब पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए शेरों को 5 हेक्टेयर भूमि में छोड़ा है.
अधिकारी ने क्या बताया
वहीं इस बारे में सफारी के डिप्टी डायरेक्टर एके सिंह ने बताया कि 4 शेरनी को 5 हेक्टर भूमि में सॉफ्ट रिलीज किया गया है, जिसके बाद पर्यटकों में शेरों को देखने का उत्साह काफी देखने को मिल रहा है, जल्द ही 1 बब्बर शेर कान्हा को छोड़ा जाएगा. वैसे तो इटावा सफारी पार्क में बड़ी तादाद में अन्य वन्य जीव भी हैं, लेकिन सबसे बड़ा आकर्षण एशियाटिक शेरों का ही है, जिनको देखने के लिए पर्यटक हर साल पहुंचते हैं.
पर्यटक काफी खुश
इटावा सफारी पार्क के उपनिदेशक अरुण कुमार सिंह बताते हैं कि 25 दिसंबर से पर्यटकों के इटावा सफारी पार्क में बड़ी तादाद में आने की उम्मीद है. उनका कहना है कि नए साल पर फोर डी थियेटर को भी चालू करने की तैयारी है. सफारी का मुख्य आकर्षण एशियाटिक लायन रहता है. इसके लिए सफारी प्रबंधन ने लायन सफारी के पांच हेक्टेयर इलाके में चार शेरों को छोड़ दिया है, जिन्हें देख कर पर्यटक काफी खुश हैं.
शेर पहले एक बाड़े में बंद रहा करते थे, लेकिन अब उनको खुले में छोड़ दिया गया है. अब पर्यटक बंद गाड़ी से जाएंगे खुले में छूटे हुए शेर नजर आ रहे हैं. जिस हिस्से में शेरों को छोड़ कर रखा गया है वहां पर डाक्टरों की एक टीम भी हमेशा मौजूद रहती है. इटावा सफारी पार्क के डॉक्टर राबिन यादव की अगुआई में यह मेडिकल टीम सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक मौजूद रहती है. इस टीम को तैनात करने के पीछे ऐसा बताया गया कि अगर कोई शेर किसी पर्यटक पर हमला करता है तो ऐसी स्थिति में उससे निपटने के लिए यह टीम काम कर सके.
सफारी का प्रचार
इटावा सफारी पार्क में जहां 17 शेर हैं वही हिरण, काले हिरण, भालू, लेपर्ड आदि भी बड़ी तादाद में मौजूद हैं. इटावा सफारी पार्क तक पहुंचने के लिए देश की राजधानी दिल्ली से पांच घंटे, ताज नगरी आगरा से मात्र दो घंटे, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से मात्र तीन घंटे में और बुंदेलखंड के किसी भी हिस्से से मात्र दो घंटे लगते हैं. सफारी प्रबंधन इटावा और उसके आसपास से निकलने वाले हाईवे और अन्य मुख्य मार्गों पर नौ जगहों पर बड़े-बड़े होर्डिंग बैनर लगाएगा. होर्डिंग आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर तीन, कानपुर आगरा हाइवे पर तीन और इटावा शहर के प्रवेश बिंदु पर तीन जगह लगाए जाएंगे.
फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्रा, ट्विटर और आकाशवाणी आदि माध्यमों से भी सफारी का प्रचार किया जा रहा है. नए साल पर 4 डी थियेटर को भी चालू करने की तैयारी इटावा सफारी पार्क प्रबंधन करने में लगा हुआ है.