(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Etawah News: इटावा सांसद रामशंकर कठेरिया बोले- ये मायावती का आखिरी चुनाव, अखिलेश यादव में ‘बचपना’ है
Etawah News: पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और इटावा सांसद रामशंकर कठेरिया ने सपा- बसपा पर कड़ा प्रहार किया है. उन्होंने दोनों पार्टियों के शीर्ष नेताओं मायावती और अखिलेश यादव को लेकर तीखी बात कही है.
UP Election 2022: पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और इटावा सांसद रामशंकर कठेरिया ने सपा- बसपा पर कड़ा प्रहार किया है. उन्होंने दोनों पार्टियों के शीर्ष नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि मायावती अपने अंतिम समय मे चुनाव के नाम पर 'माया' इकट्ठा करने में लगी है. यह मायावती का अंतिम चुनाव है, जिसमें वह टिकट बेच सकती हैं. आगे जनता उन्हें यह मौका नहीं देगी. इस चुनाव के बाद बसपा समाप्ति के कगार पर आ जायेगी. वहीं, अखिलेश यादव को लेकर कहा कि अखिलेश को सोच और समझ नहीं है. बिना किसी विज़न के चल रहे हैं. अभी भी अखिलेश में बचपना है और परिपक्वता की भी कमी है.
अखिलेश यादव ने 2000 में कन्नौज लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव से अपने संसदीय जीवन की शुरुआत की थी. अभी वो आजमगढ़ से लोकसभा सांसद हैं. उन्होंने कभी भी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा है. इस बार भी संभावना जताई जा रही है कि अखिलेश यादव विधानसभा का चुनाव न लड़ें. क्योंकि इस बार चुनाव की पूरी जिम्मेदारी उन्हीं के कंधे पर है. अगर वह खुद ही चुनाव के जाल में फंस गए तो पार्टी मुश्किल में पड़ सकती है.
मायावती कब कब लड़ चुकी हैं विधानसभा का चुनाव?
उत्तर प्रदेश का सबसे अधिक बार मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड बसपा प्रमुख मायावती के नाम हैं. वो 4 बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री रही हैं. मायावती विधानसभा का चुनाव लड़ती रही हैं. उन्होंने 1996 का चुनाव सहारनपुर हरोड़ा और बदायूं की बिल्सी सीट से लड़ा था. उन्होंने बिल्सी सीट छोड़ दी थी. उन्होंने 2002 का चुनाव अंबेडकरनगर के जहांगीरगंज और हरोड़ा से लड़ा था. उन्होंने जहांगीरजंग से इस्तीफा देकर हरोड़ा सीट अपने पास रखी थी. इसके बाद उन्होंने कभी भी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा. साल 2007 में उत्तर प्रदेश में पहली बार जब बसपा की बहुमत वाली सरकार बनी तो उन्होंने विधान परिषद का रास्ता चुना था. इस समय मायावती न तो विधायक हैं और न सांसद.
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