Etawah News: इटावा (Etawah) में भारी बारिश के बाद शहर में जर्जर मकानों के गिरने से 10 लोग अपनी जान गवां चुके है, जिसके बाद शहर और जिले में पुलिस विभाग के कर्मचारी और अधिकारी जहां घूम घूम कर आम जनमानस को जर्जर मकानों एवं दुकानों को छोड़ने की सलाह देते हुए नजर आ रहे हैं वही खुद इन पुलिस कर्मचारियों के परिजन पुलिस लाइन में जान हथेली पर रखकर पूरी तरह जर्जर हो चुके क्वार्टर में रहने को मजबूर है.


क्या है पूरा मामला?
ऐसे 181 क्वार्टर में रहने वाले पुलिस कर्मचारियों को मकान खाली करने का नोटिस भेजा जा रहा है लेकिन अन्य दूसरा ठिकाना न मिलने के चलते पुलिस कर्मचारी जर्जर क्वार्टर में रहने को मजबूर है. वहीं इस बारे में एस पी सिटी का कहना है कि नोटिस देकर मकानों को खाली करवाया जा रहा है. इटावा में जहां भारी बरसात के चलते जर्जर मकानों के गिरने से जहां 10 लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा जिसमें 7 मासूम भी शामिल थे.


इस घटना के बाद जिला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद हो गया और शहर में पुलिस विभाग की मदद से घूम घूम कर लोगों को जर्जर मकान छोड़ने की सलाह दी जा रही है जिससे कि अब और कोई जनहानि ना हो सके लेकिन जो पुलिस आम जनमानस को समझाती हुई नजर आ रही है वहीं खुद उनके परिजन एवं वह खुद पुलिस कर्मचारी जान हथेली पर रखकर रिजर्व पुलिस लाइन स्थित कॉलोनी में पूरी तरह से जर्जर हो चुके क्वार्टर में रहने को मजबूर हैं.


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विभाग लगातार भेज रहा नोटिस
पुलिस लाइन स्थित पुलिस कॉलोनी में क्वार्टर की हालत बेहद खस्ता हाल है. छतों और दीवारों मे बड़ी-बड़ी दरारें पड़ी हुई हैं. छत और दीवारों पर बारिश का पानी पूरी तरह से भरा हुआ दिखाई दे रहा है. ऐसे में कभी भी यहां कोई बड़ा हादसा हो सकता है. हालांकि इसको लेकर पुलिस लाइन कॉलोनी में ऐसे 181 क्वार्टर को चिन्हित कर लिया गया है जो की पूरी तरह से कंडम हो चुके हैं और इनमें रहने वाले पुलिस कर्मचारियों को विभाग की तरफ से खाली करने के लिए बराबर नोटिस भेजा जा रहा है. 


जर्जर हो चुके क्वार्टर को लेकर एसपी सिटी कपिल देव सिंह का कहना है कि पुलिस लाइन स्थित कॉलोनी में 181 ऐसे क्वार्टर हैं जो कि जर्जर हो चुके हैं. उनको पहले से ही नोटिस भेजा जा चुका है और उनको खाली कराने के लिए कार्रवाई की जा रही है. वहीं एसपी सिटी ने दावा किया कि ऐसे सभी क्वार्टर को खाली करा लिया गया है लेकिन हकीकत यह है कि अभी भी ऐसे क्वार्टर में पुलिस कर्मचारी और उनके परिजन रह रहे हैं. ऐसे में अगर कोई हादसा होता है तो यह किसकी जिम्मेदारी होगी एक बड़ा सवाल बना हुआ है.


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