इटावा (Etawah) के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर कृषि इंजीनियरिंग कॉलेज के 100 से अधिक कर्मचारियों को पिछले चार माह से वेतन नहीं मिला है. इसके विरोध में कर्मचारियों ने कॉलेज के प्रशासनिक भवन में ताला डाल दिया. कॉलेज के डीन से आश्वासन न मिलने के चलते कर्मचारी उनकी गाड़ी को रोक उसके आगे लेट गए. प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि वेतन न मिलने के चलते उनका परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गया है. यह कॉलेज कानपुर (kanpur) के चंद्रशेखर आजाद कृषि महाविद्यालय से संबद्ध  है.


क्या कहना है कॉलेज के कर्मचारियों का 


कॉलेज के प्रशासनिक भवन पर प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने ताला डालकर हड़ताल कर दी है. यही नहीं उन्होंने कॉलेज के डीन की सरकारी गाड़ी को रोककर गाड़ी के आगे लेट कर अपना विरोध जताया.कॉलेज के फाइनेंस कंट्रोलर ने बताया कि शासन की तरफ से कॉलेज के लिए साल के 12 माह में से 8 माह का बजट सैलरी के लिए आता है. बाकी के 4 माह का वेतन कॉलेज में सेल्फ फाइनेंस विभाग में छात्रों की फीस से दिया जाता है. लेकिन पिछले 2 साल से कोविड के चलते सेल्फ फाइनेंस में छात्रों की फीस जमा नहीं हो सकी. इस वजह से 4 माह का वेतन नहीं मिल सका है. उन्होंने बताया कि कॉलेज प्रशासन बराबर सैलरी के लिए पत्र लिखकर विश्वविद्यालय को सूचित कर रहा है. लेकिन वेतन ना मिलने के कारण हम सब भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं. इस वजह से कॉलेज में ताला डालना पड़ा. कॉलेज के वार्षिक परीक्षाओं पर भी हड़ताल का प्रभाव पड़ने के आसार नजर आ रहे हैं. 


डीन की गाड़ी के आगे लेटे कर्मचारी मांगे लाल ने बताया, ''मैं डीन की गाडी के आगे इसलिए लेटा हूं क्योंकि वो हमारी बात तक नहीं सुन रहे हैं,चार महीने से वेतन नहीं मिला हैं, हमे वेतन चाहिए. हमारी कोई और मांग नहीं है, घर में बच्चे भूखे हैं स्कूल की फीस नहीं दे पा रहा हूं मुझे वेतन चाहिए.''