Etawah News: दलित हत्याकांड में बेघर हुईं बच्चियों को मिला आसरा, डीएम ने सरकारी स्कूल में कराया एडमिशन
UP News: इटावा में 2008 में दलित हत्याकांड में बेघर हुई बच्चियों को सरकार से मिलने वाली मदद बंद हो गई थी, जिसके बाद अब विकास अधिकारी के आदेश के बाद उनका दाखिला कराया गया है.
Etawah News: 2008 में बहुचर्चित दलित परिवार के 5 लोगों की डकैतों के द्वारा गोली मारकर हत्या करने के बाद इटावा पहुंची तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने दलित परिवार में अकेली बची बेसहारा चार मासूम बच्चियों की पढ़ाई लिखाई से लेकर शादी ब्याह तक की जिम्मेदारी ली थी तो वहीं तत्कालीन कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी भी इटावा के इकदिल इलाके के अमीनाबाद गांव पहुंचे थे. इसी के साथ राहुल ने भी परिवार में अकेली बची 4 बच्चियों के लिए मदद दी थी.
पिछले तीन साल से बच्चियों की पढ़ाई के लिए दी जाने वाली सरकारी मदद बंद होने के चलते 2 छोटी बच्चियों को स्कूल ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है. जिसके बाद पिछले 3 साल से चारों बच्चियां अपने जीवन यापन और पढ़ाई के लिए मामा के साथ अधिकारियों के चक्कर काट रही थी. वहीं मंलवार को विकास भवन पहुंची बच्चियों को मुख्य विकास अधिकारी ने तुरंत शिक्षा विभाग के अधिकारियों को बुलाकर कस्तूरबा गांधी विद्यालय में प्रवेश दिलवाया.
क्या था पूरा मामला?
बता दें कि इटावा के इकदिल थाने के अंतर्गत गांव अमीनाबाद में सन 2008 में मार्च महीने नादिया गैंग के डकैतों ने गांव के ही पूरे एक दलित परिवार का खात्मा कर दिया था. जिसमें घर के मुखिया रिंकू उसकी पत्नी एवं रिंकू के माता पिता और एक अन्य रिश्तेदार थे. कुल मिलाकर 5 लोगों की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी. वही इस जघन्य हत्याकांड मैं जिंदा बची चार मासूम बच्चियों को डकैत जिंदा छोड़ गए थे.
दरअसल रिंकू का अपने ही पड़ोस में रहने वाले एक व्यक्ति से जमीन का विवाद चल रहा था. जिसके चलते पड़ोसी ने रिंकू के पूरे परिवार को खत्म करने के लिए डकैतों की मदद दी थी. घटना के बाद मौके पर पहुंची तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने पुलिस प्रशासन की जमकर लताड़ लगाई थी और इकदिल थानाध्यक्ष को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था. वहीं मायावती ने परिवार में जिंदा बची चार बच्चियों बड़ी बेटी तृप्ति, सपना लाली और सबसे छोटी 2 माह की देवकी इन चारों बच्चियों के लालन पोषण एवं पढ़ाई लिखाई के साथ ही शादी ब्याह की जिम्मेदारी ली थी. वहीं तत्कालीन कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी भी अमीनाबाद गांव पहुंचे थे और चारो मासूम बच्चियों के नाम कुछ रकम एफ डी भी करवाई थी.परिवार में कोई ना होने के चलते बच्चियां अपने मामा के साथ रहकर पढ़ाई लिखाई कर रही हैं.
दोनों बच्चियों का कराया गया दाखिला
वही 2008 में हुई इस घटना के बाद बसपा सरकार के द्वारा जो मदद बच्चियों को दी जा रही थी वह 3 साल पहले तक 2019 तक बराबर चलती रही. जिसके चलते बड़ी बेटी तृप्ति और सपना ने इंटर की परीक्षा पास कर ली है. वहीं छोटी बच्चियां लाली और देवकी इटावा के करवा खेड़ा स्थित ज्ञान स्थली आवासीय विद्यालय में कक्षा 6 की छात्रा थी लेकिन कोविड के समय से पिछले 3 साल से सरकार के द्वारा मिलने वाली फीस की रकम स्कूल में ना पहुंचने के चलते दोनों छोटी बच्चियों का नाम स्कूल से काट दिया गया. जिसके बाद पढ़ाई रुकने से परेशान बच्चियां अपने मामा के साथ इटावा कचहरी के चक्कर लगा रही थी.
लेकिन आज जब चारों बच्चियों ने इटावा जिला अधिकारी अवनीश राय से मुलाकात की तो इटावा जिला अधिकारी ने निकाली गई दोनों छोटी बच्चियों का दाखिला कस्तूरबा गांधी विद्यालय में कराने का आदेश दिया. वही मुख्य विकास अधिकारी संतोष कुमार राय ने बताया कि बच्चों को जो मदद पिछली और वर्तमान सरकारों से मिल रही थी. उसकी पूरी छानबीन कराई जा रही है कि किस विभाग के द्वारा मदद के रूप में पैसा दिया जा रहा था. उसकी भी जांच की जा रही है. जल्द ही चारों बच्चियों को मिलने वाली मदद पुनः शुरू करा दी जाएगी.
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