Etawah News: इटावा (Etawah) पूर्व दस्यु सुंदरी और चंबल के कुख्यात डकैत निर्भय गुर्जर के मुंह बोले बेटे श्याम की पत्नी 17 साल बाद आजीवन कारावास की सजा काट कर जिला कारागार से रिहा हुई है. एक ज़माने में चंबल के बीहड़ों में एके-47 के साथ जींस में फोटो वीडियो बनवाने का का शोक रखने वाली सरला जब जेल से रिहा हुई तो कैमरे से बचती हुई अपने भाई के साथ भाग कर गाड़ी में बैठ जिला जेल से रवाना हो गई.


11 साल की उम्र में डकैत निर्भय गुर्जर के द्वारा अपहरण कर चंबल लाई गई सरला की शादी निर्भय ने अपहरण कर लाए गए अपने मुंह बोले बेटे श्याम जाटव से 13 साल की उम्र में करा दी थी तभी से सरला चंबल में दस्यु सुंदरी के नाम से पहचानी जाने लगी थी. 2005 में एक मुठभेड़ में इटावा पुलिस के हाथ लगी सरला तब से ही इटावा जेल में अपनी सजा काट रही थी. अपहरण समेत कई मुकदमे सरला जाटव पर लगे हुए थे.


क्या है पूरा मामला?
इटावा जिला कारागार से पूर्व दस्यु सुंदरी और चंबल के कुख्यात दस्यु सरगना निर्भय गुर्जर के दत्तक पुत्र की पत्नी सरला जाटव को रिहाई मिल गई है. जेल से उसका भाई उसको लेने के लिए पहुंचा जिसके बाद मीडिया को देख सरला और उसके भाई ने भागकर गाड़ी तक पहुंचकर मीडिया से किनारा किया. बीते 17 वर्ष से जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रही थी. उच्च न्यायालय के आदेश के बाद रिहाई का फरमान जारी हुआ. सरला पर अपहरण सहित कई मुकदमे दर्ज थे। जिन मामलों में सरला अपनी सज़ा इटावा जेल में काट रही थी.


दरअसल, दस्यु सुंदरी सरला कुख्यात निर्भय सिंह गुर्जर की दूसरी पत्नी बसंती की भतीजी थी. निर्भय ने 1994 में बसंती से शादी की थी, लेकिन वो मौका लगते ही बीहड़ और दस्यु की चंगुल फरार हो गई थी. जिसके बाद निर्भय उसे घायल शिकारी की तरह तलाश रहा था और कुछ समय बाद 1999 में बसंती को ढूंढकर उसकी और उसके भाई की बेरहमी से हत्या कर दी थी. जिसके बाद निर्भय बसंती के भाई की 11 वर्ष की मासूम बेटी सरला को अपहरण करके बीहड़ो में ले गया और दो वर्ष बाद निर्भय ने अपहरण करके लाए गए दत्तक पुत्र कहे जाने वाले श्याम जाटव के साथ सरला की शादी रचा दी थी. तब से सरला दस्यु सुंदरी के रूप में पूरे चंबल में मशहूर हो गई.


मजबूरी में परिस्थितियों के साथ ढल गई थी सरला
जिस समय बच्चो के हाथों में खिलौने होते है उस समय सरला के हाथों में बंदूक थमा दी गई. सरला ने मजबूरी में बीहड़ के कानून को परिस्थितियों के हिसाब अपना लिया और बीहड़ के इतिहास में सबसे कम उम्र की दस्यु सुंदरी कही जाने लगी और फिर कई घटनाओं में सरला की संलिप्तता ने उसको पुलिस के रिकॉर्ड में मासूम से दस्यु सुंदरी तक सफर काफी कम समय मे तय कर लिया था. अक्सर उसकी फोटो AK-47 जैसे हथियारों के साथ सामने आती थी. सरला बीहड़ के माहौल में इस ढल गई थी कि वो निर्भय गैंग को लीड भी कर लेती थी. 


निर्भय जब बाहर होता था, तो सरला ही गैंग संभालती थी. सरला जाटव को कई अलग-अलग मामलों में सजा सुनाई गई थी। साल 2005 में सरला ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था. तब उसे इटावा जेल की महिला बैरक में रखा गया था. वरिष्ठ जेल अधीक्षक डॉ रामधनी ने बताया कि सरला जाटव 2005 में इटावा जेल में सजा काट रही थी. उच्च न्यायालय से उसको जमानत दी गई. जिसके बाद उसको रिहा किया गया. उसका भाई उसको लेने आया था, उसी के साथ वह चली गई.


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