UP News: इटावा (Etawah) में तीन दिन से हो रही भारी बारिश (Heavy Rain) किसानों के लिए आफत बन गई है. बरसात से किसानों की धान की खड़ी फसल (Paddy Crop) बर्बाद हो गई है. धान और आलू के खेतों में पानी भर गया है. किसान इस बारिश से हुई तबाही से काफी चिंतित हैं और उनका कहना है कि इस बर्बादी के कारण वे खाद खरीदने के भी पैसा नहीं जुटा पाएंगी. वहीं आशंका जताई जा रही है कि जिस तरह आलू की फसल को नुकसान हुआ है आगे बाजार में इसकी कीमत बढ़ जाएगी.
फसल काटने में रह गए थे महज 10-15 दिन
बारिश के कारण बाजरा, मूंग और लहसुन की फसलें भी चौपट हो गई हैं. इटावा के बसरेहर इलाके के हरिहरपुर गांव के किसान राजवीर ने बताया कि जब धान की फसल लगाई थी तो उस वक्त पानी की इतनी कमी थी कि इंजन से पानी लगाना पड़ रहा था. अब जब फसल तैयार है और कटने में केवल 10 से 15 दिन का समय रह गया था, तब इस आफत की बारिश के चलते पूरी फसल चौपट हो गई है, कभी सोचा भी ना था कि अक्टूबर के महीने में इतनी बारिश होगी.
किसानों को हुआ लाखों का नुकसान
किसान राजेश ने बताया कि 20 बीघा में धान की फसल लगाई थी जो कि बारिश के चलते पूरी तरह से चौपट हो गई है. लगभग दो से तीन लाख का नुकसान हुआ है. वही गांव अकबरपुर के किसान अरविंद सिंह ने बताया कि उनके इलाके में आलू की फसल होती है. काफी जगह आलू की बुवाई हो चुकी थी. वहीं कुछ खेतों में आलू बोने की तैयारी चल रही थी लेकिन भारी बारिश ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. पूरे खेत गांव में डूब चुके हैं. ऐसे में आलू के साथ ही लहसुन, भिंडी और बाजरा पूरी तरह बर्बाद हो चुका है. सरकार से मुआवजे को भी लेकर किसान ज्यादा उम्मीदें नहीं लगाया है. उनका मानना है कि 100 से 200 रुपये बीघा मुआवजा मिलने से आखिर उन्हें क्या फायदा होगा.
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