Etawah News: इटावा (Etawah) में एक बेर की गुठली की वजह से मासूम बच्चे की जान चली गई. इस बच्चे ने स्कूल में बेर खाया था, जहां गलती से बेर की गुठली उसकी सांस की नली में फंस गई. जिसके बाद उस मासूम बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई. डॉक्टरों की लाख कोशिशों के बावजूद बच्चे को बचाया नहीं सका. इस घटना के बाद पूरे गांव में मातम पसर गया है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. 


ये दर्दनाक हादसा इटावा जिले के बसरेहर इलाके के यासीनगर गांव का है. यहां रहने वाले निर्मल कुमार का सात साल का मासूम अंश कुमार स्कूल गया था. अंश यहां के शहीद भगत सिंह इंटर कॉलेज में दूसरी क्लास में पढ़ाई करता था. शनिवार की दोपहर स्कूल की छुट्टी होने के बाद अंश जब अपने घर वापस लौट रहा था तो इसी स्कूल से निकलते समय रास्ते में लगे बेर के पेड़ से उसने बेर तोड़कर खा लिए. इस दौरान उसे गले में बेर की गुठली फंस गई, बच्ची जब घर वापस आया तो उसने परिजनों को बताया कि उसके गले में कुछ अटक रहा है. बच्चे ने ये भी बताया कि स्कूल से आते हुए उसे बेर खाए थे. 


अस्पताल ले जाते समय बच्चे ने तोड़ा दम


अंश के परिजन तत्काल उसे गांव के ही एक डॉक्टर के पास ले गए, जिसके बाद डॉक्टर ने उसे इटावा के जिला अस्पताल में ले जाने के लिए कहा. परिजन जब बच्चे को सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी में लेकर जा रहे थे तभी रास्ते में बच्चे की हालत और भी ज्यादा खराब होने लगी. बच्चे की हालत को देखते हुए जिला अस्पताल में डॉक्टरों की टीम ने तत्काल उसे ऑक्सीजन लगाई और एंबुलेंस से सैफई मैडिकल कॉलेज भेज दिया, लेकिन इसी बीच उसने दम तोड़ दिया. परिजन जब उसे सैफई मेडिकल कॉलेज तक लेकर पहुंचे, बच्चे ने दम तोड़ दिया. 


बच्चे की मौत के बाद पूरे गांव में मातम पसर गया है. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. इस बारे में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर राजकीय अस्पताल के डॉक्टर राजपूत ने कहा कि अमूमन ऐसा देखा जाता है कि जब किसी के गले में कोई चीज फंस जाती तो सांस लेने में दिक्कत होती है, इन हालातों में वो शख्स मौत का शिकार हो सकता है, इसलिए परिजनों को विशेष सतर्क रहने की जरूरत है. 


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