Etawah News: इटावा में रोडवेज की स्वर्ण जंयती पर दौड़ रही हैं खटारा बसें, यात्रियों को लगाना पड़ रहा धक्का
यूपी के इटावा में रोडवेज की जर्जर हो चुकी बसों को चलाया जा रहा है. ये बसें बीच में ही रुक जाती हैं जिन्हें आगे बढ़ाने के लिए यात्रियों को धक्का देना पड़ता है.
UP News: आज यूपी रोडवेज (UP Roadways) अपना स्वर्ण जयंती समारोह मना रहा है तो वहीं रोडवेज में मॉडल बस स्टैंड से बूढ़ी बसें दौड़ाई जा रही हैं. इटावा रीजन (Etawah Region) में 81 और इटावा डिपो में 28 बसें इतनी पुरानी हो चुकी है जिन्हें नीलाम हो जाना चाहिए था लेकिन इन बसों से आज भी सेवाएं ली जा रही हैं. यही वजह है कि आए दिन रोडवेज यात्री बसों को धक्का मारते देखे जाते हैं.
वाहन की कमी के चलते इस्तेमाल हो रहीं पुरानी बसें
इटावा वर्कशॉप के सीनियर फोरमैन ने बताया कि इटावा डिपो से संचालित 83 बसों में 28 बसें पूरी तरह बूढ़ी हो चुकी है जिन्हें नीलम हो जाना चाहिए था लेकिन बसों की कमी के चलते इन बसों को चलाया जा रहा है नई बसों के आते ही इन्हें हटा दिया जाएगा. वहीं, इटावा के रीजनल मैनेजर का कहना है कि नई बसों की कमी है और सरकार से नई बसों की मांग की गई है. बता दें कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने भी सदन में रोडवेज की खस्ता हाल पर सवाल उठाए थे.
स्थानीय प्राधिकरण भी मानता है नीलामी के लायक हैं बसें
बता दें कि इटावा रीजन में सात डिपो आते हैं और पूरे इटावा रीजन में इस समय 457 बसें संचालित हैं. इटावा वर्कशॉप के सीनियर फोरमैन ओम प्रकाश ने एबीपी गंगा को इस संबंध में बताया कि इटावा डिपो से 28 बसें अभी भी सड़क पर चल रही हैं जो अपनी नीलामी की शर्तें पूरी कर चुकी हैं. ये बसें 10 साल से अधिक पुरानी हैं लेकिन इन पुरानी हो चुकी बसों को मरम्मत कर और रंग चढ़ाकर चलाया जा रहा है.
ओमप्रकाश ने आगे बताया कि बसों की कमी के कारण मुख्यालय से अभी कोई ऐसा आदेश नहीं मिला है कि पुरानी हो चुकी बसों को हटाया जा सके. वहीं, इटावा डिपो के रीजनल मैनेजर बी पी अग्रवाल ने माना कि इटावा रीजन में 457 बसों में से 81 बसें नीलामी की शर्तें पूरी कर चुकी है लेकिन उन्हें उनके खस्ताहाल होने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि बसों पर बराबर काम होता रहता है जो की यात्रा के लिए ठीक-ठाक है.
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