Etawah Safari Park News: इटावा सफारी पार्क (पूर्व में शेर सफारी) में सोना नामक शेरनी के पांचवें शावक की भी मौत हो गयी. सफारी पार्क की एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. इटावा सफारी पार्क की निदेशक दीक्षा भंडारी ने बताया कि शेरनी सोना के पांचवें शावक की भी शनिवार-रविवार की दरमियानी रात में मौत हो गयी. उन्होंने बताया कि शेरनी सोना ने पांच शावकों को जन्म दिया था, जिसमें चार शावकों की पहले ही मौत हो चुकी थी.
भंडारी ने बताया कि शनिवार की शाम खाने में शावक को दूध दिया गया और दूध पीने के कुछ समय बाद उसने उल्टी कर दी. इसे देखकर सफारी के चिकित्सकों ने आनन-फानन में उसका उपचार शुरू किया. शावक का दो घंटे इलाज हुआ लेकिन उसने दम तोड़ दिया. शावक को बचाया नहीं जा सका. दीक्षा भंडारी ने बताया कि शावक के शव का पोस्टमार्टम के लिए भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) बरेली भेजा गया है.
उपनिदेशक जय प्रकाश सिंह ने सोमवार को बताया कि सफारी की शेरनी सोना ने छह जुलाई को एक शावक, नौ जुलाई को दिन में एक शावक तथा रात्रि में दो शावकों (एक मृत अवस्था में) तथा 10 जुलाई को एक मृत शावक को जन्म दिया था. नौ जुलाई को पैदा हुए जीवित बचे शावकों में एक घायल था दूसरा अत्यंत कमजोर, जिससे दोनों की मौत हो गई थी.
छह जुलाई को पैदा हुए शावक को शेरनी सोना ने त्याग दिया था और उसे अपना दूध नहीं पिलाती थी अतः उसको सफारी के देखभाल केंद्र में चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया था. लेकिन 12-13 अगस्त की रात्रि में दूध पीने और फिर उल्टी होने के बाद इलाज के दौरान इस शाव की भी मौत हो गयी. उपनिदेशक सफारी जयप्रकाश सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में सफारी में 19 शेर-शेरनियों का कुनबा मौजूद है. यहां ‘शेर प्रजनन केंद्र’ में 11 शावकों का जन्म हो चुका है, लेकिन इनमें से छह शावकों की मृत्यु हो चुकी है. सिंह ने बताया कि जानकार और वैज्ञानिक शेरनी द्वारा पांच शावकों का जन्म देना दुर्लभ घटना मानते हैं.
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर रविवार को प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘इटावा शेर सफारी में आखिरकार शेरनी सोना के पांचवें और अंतिम शावक को भी उप्र सरकार बचा नहीं पाई, जबकि इसके लिए सपा ने उप्र सरकार को कई बार आगाह किया था. इस मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार से मौन से अधिक कुछ भी अपेक्षा करना व्यर्थ है.’’
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