Swami Prasad Maurya Conrtoversy: रामचरितमानस (Ramcharitmanas) पर विवादित बयान के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) पर चौतरफा हमले हो रहे हैं, इस बीच इटावा (Etawah) के भरथना से सपा विधायक राघवेंद्र गौतम (Raghvendra Gautam) ने उनका समर्थन किया है. राघवेंद्र गौतम ने कहा कि "स्वामी प्रसाद मौर्य सीनियर नेता हैं, उन्हें अच्छा ज्ञान है. उन्होंने जो बात कही है उसका उन्होंने अध्ययन किया होगा, उसको पढ़ा होगा और पढ़ने के बाद पिछली सरकारों में मंत्री भी रहे है. ये उनके विचार हैं. वो जो कह रहे हैं ये उनका पठन पाठन होगा".
इटावा के भरथना से विधायक राघवेंद्र गौतम ने स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस को लेकर दिए गए बयान का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि "धर्म एक अलग व्यवस्था है और राजनीति एक अलग व्यवस्था है. धर्म का काम है लोगों में संस्कार पैदा करना, लोगों के जीवन में अच्छी बातें लाना. धर्म कोई बुरी चीज नहीं है, लेकिन जिस धर्म के बीच में छोटा-बड़ा आ जाता है, नफरत आ जाती है वह धर्म की श्रेणी में नहीं आता." उन्होंने कहा कि राजनीति अलग चीज है राजनीति का काम है कि पक्ष-विपक्ष के साथ मिलकर देश को आगे ले जाना.
मौर्य के बयान पर चौतरफा हमला
स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान को लेकर बीजेपी समाजवादी पार्टी पर हमलावर है. इसके अलावा तमाम हिन्दू संगठनों और साधु संतों ने भी इस पर आपत्ति दर्ज कराई है. वहीं समाजवादी पार्टी ने भी इस बयान से किनारा कर लिया है. सपा के कई सवर्ण विधायकों ने इस बयान को लेकर पार्टी फोरम में अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. माना जा रहा है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी उनका बयान से नाराज है और कोई कार्रवाई भी की जा सकती है. वहीं मौर्य अपने बयान पर कायम हैं.
दरअसल, स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस पर विवादित बयान देते हुए कहा था, "रामचरितमानस की कुछ पंक्तियों में जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर यदि समाज के किसी वर्ग का अपमान हुआ है तो वह निश्चित रूप से धर्म नहीं है. यह 'अधर्म' है, जो न केवल बीजेपी बल्कि संतों को भी हमले के लिए आमंत्रित कर रहा है. रामचरित मानस की कुछ पंक्तियों में जातियों के नामों का उल्लेख है जो इन जातियों के लाखों लोगों की भावनाओं को आहत करती हैं." इसके साथ ही मौर्य ने इन पंक्तियों को बैन करने की भी मांग की थी.
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