Etawah: स्कूल जाने के लिए जान जोखिम में डाल रहे बच्चे, भागती गाड़ियों के बीच एक्सप्रेसवे करते हैं पार
UP News: उत्तर प्रदेश के इटावा में कुछ बच्चों को स्कूल जाने के लिए एक किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ेगा और वे इस दूरी को कम करने के लिए हर दिन अपनी जिंदगी खतरे में डाल रहे हैं.
Etawah News: इटावा (Etawah) के एक गांव अगुपूर गोपालपुर के करीब दो दर्जन बच्चे जान जोखिम में डालकर स्कूल (School) जाने को मजबूर हैं. वे दौड़ती हुई गाड़ियों के बीच आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (Agra-Lucknow Expressway) को पार करते हैं. इसमें उनके माता-पिता की लापरवाही भी सामने आई है. दरअसल, ग्रामीणों ने एक्सप्रेसवे के डिवाइडर पर लगी जाली को काट दिया है जिससे वे सड़क पार करते हैं. हालांकि इस दौरान गांव का कोई न कोई व्यक्ति उनके साथ मौजूद रहता है.
एक्सप्रेसवे के चैनल नंबर 115 और 116 के बीच एक तरफ गांव है तो वहीं दूसरी तरफ सरकारी परिषदीय स्कूल है. हालांकि गांव से एक किलोमीटर की दूरी पर एक्सप्रेसवे के नीचे से आने जाने के लिए रास्ता दिया गया है, लेकिन इस फासले को कम करने के लिए बच्चे और उनके अभिभावक खतरा मोल लेते हुए एक्सप्रेसवे पार करते हैं. हालांकि स्कूल की तरफ से भी इसको लेकर कुछ नहीं किया जा रहा है. वहीं, इस बारे में प्रधान पति अवधेश यादव ने बताया, 'पिछले दो साल से गांव के बच्चों ने एक्सप्रेसवे से निकलकर स्कूल जाने का काम शुरू किया है, इसको लेकर बच्चों के माता-पिता और स्कूल के शिक्षकों से कई बार मैंने खुद जाकर कहा है कि इस तरह जान जोखिम में डालकर बच्चे एक्सप्रेसवे से ना निकलें लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. इसी तरह चलता रहा तो कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. स्कूल दूर होने की वजह से हमारी शासन और प्रशासन से मांग है कि इस गांव के बच्चों को नजदीक के ही दूसरे स्कूल में शिफ्ट किया जाए और एक्सप्रेसवे पर जो गलत तरीके से रास्ता बनाया गया है उसे बंद कराया जाए.'
बच्चों के अभिभावक भी चाहते हैं वैकल्पिक व्यवस्था
वहीं, बच्चों को रास्ता पार कराने पहुंचे एक बच्चे के पिता बिहारी लाल ने कहा कि हमारे गांव में नजदीक में कोई स्कूल नहीं है. आने जाने का रास्ता काफी दूर है इसलिए यहां से बच्चों को निकालना पड़ता है. खतरा तो काफी है लेकिन सब बच्चे निकलते हैं तो हमारे भी बच्चे निकलते हैं. वही एक्सप्रेसवे पार कर निकलने वाले बच्चो का कहना था कि स्कूल दूर है और एक्सप्रेसवे की लगी जाली जब गांव के लोग काट देते हैं तो हमलोगों को निकलने में आसानी होती है. डर तो लगता है हम गांव के सब बच्चों का दाखिला नजदीक वाले स्कूल में हो जाए तो ठीक रहेगा.
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