Etawah Ashram System School: इटावा समाज कल्याण विभाग (Etawah Social Welfare Department) की तरफ से संचालित आश्रम पद्धति स्कूल (Ashram System School) के 100 से ज्यादा छात्रों ने कचहरी पहुंचकर स्कूल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. छात्रों का आरोप है कि आवासीय स्कूल में छात्रों को खराब भोजन (Food) दिया जा रहा है, साथ ही स्कूल के कुछ टीचर शराब पीकर उनके साथ अभद्रता भी करते हैं. एसडीएम सदर ने बच्चों को समझा बुझाकर वापिस स्कूल (School) भेजा. वहीं, स्कूल प्रिंसिपल का कहना है कि कुछ सीनियर छात्रों के पास मोबाइल (Mobile) पकड़े गए थे जिसके बाद सीनियर छात्रों ने अन्य छात्रों पर दवाब बनाकर कचहरी जाकर हंगामा किया. 


समझाने बुझाने के बाद स्कूल लौट गए छात्र 
आश्रम पद्धति स्कूल जोकि आवासीय स्कूल भी है. जिसमें इटावा नहीं बल्कि आसपास के अन्य जिलों से करीब 350 से ज्यादा छात्र स्कूल में रहकर शिक्षा ग्रहण करते हैं. छात्रों का आरोप था कि पिछले एक महीने से उनके नाश्ते और खाने में कीड़े निकल रहे हैं. कचहरी परिसर में छात्रों के हंगामे को देखकर मौके पर एसडीएम सदर सिद्धार्थ पहुंचे. उन्होंने छात्रों को आश्वासन दिया कि जल्द ही समाज कल्याण अधिकारी हलवाई में एक टीम को स्कूल में भेजकर हालात का जायजा लेंगे.  काफी समझाने बुझाने के बाद आक्रोशित छात्र वापस स्कूल लौट गए. 


निराधार हैं छात्रों के आरोप 
हंगामे के बाद एबीपी गंगा की टीम ने इटावा के बसरेहर ब्लॉक के ग्राम खरदूली में स्तिथ आवासीय स्कूल का जायजा लिया. यहां पर कक्षाओं के अंदर विद्यार्थी पढ़ते मिले तो वही स्कूल के किचन में छात्रों के लिए भोजन तैयार होता हुआ मिला. किचन में किसी प्रकार की गंदगी देखने को नहीं मिली. वहीं, स्कूल के प्रिंसिपल दिनेश सिंह ने बताया कि छात्रों की तरफ से जो आरोप लगाए गए हैं वो निराधार हैं. प्रिंसिपल ने बताया कि एक दिन पहले रात्रि में छात्रों के हॉस्टल में 4 सीनियर छात्रों के पास मोबाइल बरामद किए गए थे जिसकी शिकायत उनके घर पर कर दी गई थी. 


जांच में सामने आएगी सच्चाई
प्रिंसिपल का कहना था कि स्कूल से निकाले जाने के डर से सीनियर छात्रों ने जूनियर छात्रों को दबाव में लेकर कचहरी जाकर जानबूझकर हंगामा किया. हालांकि, प्रिंसिपल की इस बात में कितनी सच्चाई है ये तो समाज कल्याण अधिकारी के द्वारा जांच के बाद ही पता चलेगा. वहीं, स्कूल के अंदर बच्चे डरे और सहमे हुए दिखाई दिए. स्कूल के अंदर किसी भी बच्चे ने बात करने से मना कर दिया, जिससे पता चलता है कि कहीं ना कहीं स्कूल में बच्चों ने जो आरोप लगाए थे उनमें सच्चाई जरूर है. 



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