Etawah: इटावा के बीएड पास युवक ने नौकरी की तलाश छोड़ शुरू किया ये काम, अब दूसरों को दे रहे गुरू मंत्र
Success Story: प्रबल प्रताप की माने तो स्ट्रॉबेरी की खेती से उन्हें काफी फायदा होने जा रहा है. ड्रिपिंग तकनीक से सिंचाई कर रहे हैं. उनके अनुसार, एक पौधे से स्ट्रॉबेरी के करीब 40 फूल निकलते हैं.
Etawah Strawberry Farming: इटावा के बसरेहर (Basrehar) ब्लॉक के लालपुर गांव के प्रबल प्रताप सिंह (Prabal Pratap Singh) ने बीएड (B-ED) की परीक्षा पास करने के बाद नौकरी के लिए काफी प्रयास किया. लेकिन, उन्हें सफलता नहीं मिली. इसके बाद युवा बेरोजगार प्रबल प्रताप सिंह ने अपनी 7 हेक्टर लगभग 80 बीघा जमीन पर खेती करने का मन बनाया.
पिछले साल की थी आलू की खेती
प्रबल प्रताप ने पिछले साल आलू की फसल लगाई. लेकिन, बड़ी मुश्किल से लेबर का खर्चा ही निकाल सके. इसके बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. अब उन्होंने परंपरागत खेती से अलग हटकर स्ट्रॉबेरी की खेती करने का मन बनाया. इसके लिए वह अपने मित्र के पास चंडीगढ़ पहुंचे, जहां से शिमला गए. वहां दो महीने रह कर स्ट्रॉबेरी की खेती की तकनीकी जानकारी हासिल की.
पुणे से मंगवाए स्ट्रॉबेरी के 2.50 लाख पौधे
प्रबल प्रताप की माने तो स्ट्रॉबेरी की खेती से उन्हें काफी फायदा होने जा रहा है. इस खेती में ड्रिपिंग तकनीक से सिंचाई कर रहे हैं. उनके अनुसार, एक पौधे से स्ट्रॉबेरी के करीब 40 फूल निकलते हैं. एक पौधा एक बार में एक किलो से अधिक स्ट्रॉबेरी का उत्पादन करता है. अक्टूबर में प्रबल प्रताप ने ढाई लाख पौधे लगाए थे. इन पौधों में 60 दिन के बाद फल आना शुरू हो गए. 15 मई तक इन पौधों से फल आते रहेंगे. किसान ने बताया कि उन्होंने स्ट्रॉबेरी के दो किस्म विंटर डाउन और कैमारोजा का उत्पादन शुरू किया है. इन किस्मों की खासियत यह है कि 40 डिग्री तापमान तक यह पौधे बने रहते हैं. अब दूरदराज इलाकों से किसान इस विशिष्ट खेती की जानकारी लेने प्रबल प्रताप के पास पहुंच रहे हैं.
जिला उद्यान पदाधिकारी ने की सराहना
जिला उद्यान अधिकारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि जनपद इटावा में प्रबल प्रताप सिंह ने स्ट्रॉबेरी की खेती करने का जो सफल और सार्थक प्रयास किया है, वह बड़ा ही सराहनीय है. ड्रिप और मल्चिंग तकनीक से इन्होंने स्ट्रॉबेरी के पौधों का रोपण किया था, जिनमें अब बहुत अच्छे फल आ रहे हैं. सरकार की मंशा है कि किसानों की आमदनी दोगुनी हो. इसको लेकर किसान भाइयों से अपील है कि परंपरागत खेती से अलग हटकर इस तरह की विशिष्ट खेती पर ध्यान दें, ताकि उन्हें अधिक से अधिक मुनाफा हो सके. जिला उद्यान अधिकारी की मानें तो स्ट्रॉबेरी की खेती से किसान प्रबल प्रताप को सभी खर्चे निकालने के बाद 1 हेक्टेयर जमीन से 7 से 8 लाख रुपए का मुनाफा हो सकता है.
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