इटावा में शासन के आदेश के बाद गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे शुरू हो गया है. शहर में एसडीएम सदर के साथ जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मदरसों का सर्वे करने पहुंचे. 11 पॉइंट को लेकर अधिकारी मदरसों का सर्वे कर रहे हैं. सर्वे में मुख्यता भवन का आकार, बच्चो की संख्या, शिक्षकों की संख्या, मदरसों के आय का स्रोत, भवन में पानी, शौचालय की व्यवस्था को जांचा परखा जा रहा है. जिसके आधार पर 10 अक्टूबर तक जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंपी जाएगी.


ताकि मान्यता मिलने में हो आसानी


जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सतीश कुमार ने कहा कि सर्वे को लेकर फैली अफवाहों पर ध्यान न देकर गैर मान्यता प्राप्त मदरसे अपनी जानकारी अवश्य दें, जिससे उन्हें मान्यता देने में मदद मिल सके.


वही मदरसा प्रबंधक जाहिद रजा कादरी ने सरकार के इस कदम को सही बताते हुए कहा कि इससे हमे मान्यता लेने में मदद मिलेगी. जिसके बाद सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधाओं के चलते हमारे बच्चे भी डॉक्टर इंजीनियर और बड़े अधिकारी बन सकेंगे. उन्होंने मदरसों के सर्वे को लेकर हो रही राजनीति को गलत बताया. उन्होंने कहा कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.


सदर एसडीएम विक्रम सिंह राघव ने बताया सरकार के निर्देश पर बिंदुबार सर्वे किया जा रहा है. इस मदरसे में सभी बिन्दुओं पर जांच पड़ताल की गई. जिसमें शिक्षा सम्बंधित, भवन और बच्चो की संख्या जैसे 11 बिंदुओं पर सर्वे किया गया. 


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मालूम हो कि इटावा में आज से गैर मन्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे शुरू हो गया है. जिसके लिए अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी, एसडीएम संयुक्त रूप से सर्वे करने शहर के मदरसे में पहुंचे.


गौरतलब है यूपी में गैर सरकारी मदरसों के सर्वे के लिए प्रदेश सरकार ने सम्बंधित अधिकारियों को एक फॉर्मेट जारी किया है. सूबे के सभी जिला मुख्यालयों को आदेश भेजा गया है और कुल 11 बिंदुओं पर सर्वे करके रिपोर्ट मांगी गई है. इस सर्वे के पीछे सरकार गैर मान्यता प्राप्त मदरसों में बेहतर शिक्षा व्यवस्था करने का दावा कर रही है. लेकिन विपक्षी दल इस सर्वे को सरकार की बदनीयती मान रहे हैं.


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