Uttar Pradesh News: देश के व्यस्तम रेलवे ट्रैक दिल्ली-हावड़ा ट्रैक (Delhi-Howrah track) के अंतर्गत इटावा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के मिशन रफ्तार को 2024 से पहले पूरा करने के लिए रेलवे (Indian Railway) युद्ध स्तर पर काम कर रहा है. मिशन रफ्तार में 160 से लेकर 200 किलोमीटर की रफ्तार से ट्रेन चलाने की योजना है. बता दें कि देश के सबसे लंबे रेल मार्ग पर ट्रेनों के संचालन को और गति देने के लिए दिल्ली से हावड़ा तक रेलवे ट्रैक के दोनों साइड पर कंक्रीट की बाउंड्री वाल का निर्माण किया जा रहा है जिससे आवारा पशुओं से ट्रेनों के संचालन में बाधा उत्पन्न न हो. इसके लिए ट्रैक के दोनों तरफ कंक्रीट की बाउंड्री वाल बनाने का काम तेजी से चल रहा है.


इसके कार्य के पीछे जो वजह बताई जा रही है वह है पीएम मोदी का मिशन रफ्तार. रेल यात्रियों को इसकी सौगात जल्द मिलने जा रही है. इस कार्य में जुटे अधिकारी कर्मचारियों के मुताबिक इटावा से लेकर टूंडला तक 50 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है. इटावा में कंक्रीट की बाउंड्री वाल बनाने के लिए एक बड़ा प्लान है, जहां से रेडीमेड बाउंड्री वाल को इटावा से टूंडला तक लगाने का कार्य किया जा रहा है.


160-200 किमी प्रति घंटे की स्पीड
इटावा में भी मोदी के मिशन रफ्तार का कार्य युद्ध स्तर पर किया जा रहा है. 2024 के समाप्ति से पहले रेल यात्रियों का सफर आसान बनाने के लिए देश के सबसे महत्वपूर्ण दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग के दोनों ओर बाउंड्री वाल से कवर करने और ट्रेन को संचालित करने वाली ओएचई लाइनों का नवीनीकरण किया जा रहा है. आने वाले समय में इस रेल मार्ग पर 160 से 200 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से ट्रेनें दौड़ेंगी. बताया जा रहा है कि वर्ष 2025 में हाई स्पीड ट्रेनों का संचालन शुरू हो जायेगा. हाई स्पीड ट्रेनों के संचालन को रफ्तार मिशन नाम दिया गया है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाई स्पीड ट्रेनों के संचालन के लिए रफ्तार मिशन नाम रखा है.


हाई स्पीड ट्रेनों के संचालन के लिए रेल मंत्रालय द्वारा निर्माण कंपनियों से जुड़े हुए अधिकारियों को साल 2024 तक की डेडलाइन दी गई है. दिल्ली हावड़ा रेल मार्ग पर दोनों ओर कंक्रीट के स्लीपर की दीवार का निर्माण कार्य और रेलवे की पावर सप्लाई से जुड़े हुए बिजली के पुराने खंभों को हटाकर नए खंभे और लाइनें बदली जा रही हैं.


कंपनी के कर्मचारी ने क्या बताया
पॉवर सप्लाय कंपनी के कर्मचारी आलोक दीप ने बताया कि पुराने हो चुके रेलवे ट्रैक के ऊपर ओएचई लाइन को बदला जा रहा है जिससे इस ट्रैक पर सुपर फास्ट ट्रेन जिनकी स्पीड 160 से अधिक होगी वे दौड़ सकें. इसके लिए हमारी कंपनी द्वारा तेजी से काम चल रहा है. वहीं इटावा में बाउंड्री वाल बनाने के लिए एक बड़ा प्लांट लगाया गया है, जहां से कंक्रीट से बनाई गई बाउंड्री वॉल को इटावा से लेकर टूंडला तक रेलवे ट्रैक को कवर करने के लिए भेजा जा रहा है.


इंजीनियर ने इसपर क्या बताया
प्लांट पर काम कर रहे इंजीनियर केतन चौरसिया ने एबीपी गंगा से बात करते हुए बताया कि मिशन रफ्तार के तहत रेलवे ट्रैक को बाउंड्री वाल से कवर किया जा रहा है. हाई स्पीड ट्रेनों को ट्रैक पर सुरक्षित चलाने के लिए ट्रैक को कवर करने का काम किया जा रहा है. खास तौर पर आवारा जानवर जिस तरह ट्रैक पर आकर ट्रेन से कट जाते हैं, जिससे ट्रेनों के संचालन में व्यवधान पैदा होता है. इन हादसों को रोकने के लिए ट्रैक को कवर किया जा रहा है. इस कार्य को 2024 तक पूरा करना है. टूंडला से लेकर कानपुर तक त्रिवेणी कंस्ट्रक्शन को रेलवे ट्रैक को कवर करने का काम दिया गया है.


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