Kanpur News Today: बदलते समय के साथ वैश्विक स्तर पर दुनिया भर के देशों की प्राथमिकताएं भी बदल रही हैं. भारत समेत दुनिया के सभी देशों ने अंदरूनी और बाहरी सुरक्षा को लेकर आधुनिक तकनीकों का सहारा ले रही हैं. हालांकि अभी भी जमीन पर युद्ध करने के लिए सेना का सबसे कारगार हथियार एमएमजी है.
एमएमजी हथियार कई विशेषताओं से लैस है. इसकी मारक क्षमता दो किलोमीटर तक होती है और यह दुश्मनों पर सटीक निशाना लगाने में सक्षम माना जाता है. एमएमजी यानी मीडियम मशीन गन की मांग अब यूरोपीय देशों में भी बढ़ी है, इसके मद्देनजर अब कानपुर की स्मॉल आर्म्स फैक्टी इस मांग को जल्द ही पूरा करेगी. जिसकी संख्या 2000 हजार एमएमजी बताई जा रही है.
यूरोपी से मिला 225 करोड़ का आर्डर
कानपुर में स्थापित स्मॉल आर्म्स फैक्टी को करोड़ों रुपए का ऑर्डर दिया गया है, जो महज दो साल के अंदर इस ऑर्डर को पूरा करके यूरोप को सौंप दिया जाएगा. दअरसल, ग्राहक देशों की मांग थी कि यूरोप को ऐसी एमएमजी चाहिए जो एक मिनट में एक हजार गोलियां फायर करने में सक्षम हो. ग्राहकों देशों की इस मांगों से लैस कर कानपुर की स्मॉल आर्म्स फैक्टी इस ऑर्डर को पूरा करेगी.
2000 हजार एमएमजी ऑर्डर को पूरा करने के लिए रक्षा मंत्रालय की ओर से भी काम शुरू कर दिया गया है. अभी तक का ये सबसे बड़ा ऑर्डर मना जा रहा है. यूरोपीय देशों के साथ दिसंबर 2023 में एग्रीमेंट साइन किया गया था, जिसमें 225 करोड़ रुपए का ऑर्डर कानपुर के स्मॉल आर्म्स फैक्टी मिला है, जो फैक्ट्री के लिए सबसे बड़ा ऑर्डर बताया जा रहा है.
एमएमजी की खासियत
एमएमजी का ऑर्डर देते हुए यूरोपी देशों ने कई शर्तें रखी थीं. इसके तहत यूरोपीय देशों को ऐसा हथियार चाहिए था, जो महज एक मिनट में एक हजार गोलियां फायर कर सके. इस गन का वजन सिर्फ 11 किलो होगा, जिसे जमीन पर चलने और लंबी दूरी तय करने में जवानों को कोई असुविधा न हो. इसकी मारक क्षमता लगभग 1.8 किलोमीटर होगी. इसके लिए एशिया समेत कई अन्य देशों से भी संपर्क साधा जा रहा है.
'हथियारों के लिए कई देश संपर्क में'
स्मॉल आर्म्स फैक्ट्री के जीएम सुरेंद्रपति ने बताया कि एमएमजी के निर्यात के ऑर्डर को पूरा करने के लिए काम तेजी से किया जा रहा है. इसके लिए तीन वर्ष का समय निर्धारित किया गया है और यही एग्रीमेंट यूरोपीय देश से तय हुआ है. उन्होंने कहा कि जल्द ही इसे बनाकर ऑर्डर भेज दिया जाएगा. इसके अलावा अन्य आधुनिक हथियारों के लिए भी कई अन्य देश संपर्क में हैं.