गोरखपुर, एबीपी गंगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में ऑरेंज जोन में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की कॉपियों का मूल्यांकन आज से फिर शुरू हो गया है। कॉपियों के मूल्यांकन के लिए 6 केंद्र बनाए गए हैं। 2935 परीक्षक अलग-अलग केंद्रों पर 25 मई तक 6.80 लाख कॉपियों का मूल्यांकन करेंगे।
गोरखपुर में यूपी बोर्ड के छह सेंटर राजकीय जुबली इंटर कॉलेज, एमएसआई इंटर कॉलेज, महात्मा गांधी इंटर कॉलेज, महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज, सेंट एंड्रूज इंटर कॉलेज और मारवाड़ इंटर कॉलेज केंद्र पर मूल्यांकन शुरु हुआ। इसमें दो केंद्रों पर इंटरमीडिएट और अन्य केंद्रों पर हाई स्कूल की कॉपियों का मूल्यांकन होगा। यूपी बोर्ड और सीबीएससी बोर्ड दोनों की कॉपियों का मूल्यांकन आज से शुरू हो गया है।
यूपी बोर्ड के परीक्षकों को केंद्र पर कापियां जांचनी हैं। जबकि सीबीएसई बोर्ड के परीक्षक घर पर कापियां जांचेंगे। गोरखपुर में यूपी बोर्ड की 7.5 लाख में 6.80 लाख कॉपियों को 25 मई तक जांचना है। यूपी बोर्ड में एक परीक्षक सुबह 10 से शाम 5 बजे तक एक दिन में अधिकतम 45 कापियां जांच सकते हैं। गोरखपुर में यूपी बोर्ड के 2935 परीक्षक कापियां जांचेंगे। जबकि सीबीएसई बोर्ड के 2000 परीक्षकों में प्रत्येक परीक्षक को 200 कापियां जांचने के लिए मिलेगी।
माध्यमिक शिक्षा परिषद के गोरखपुर मंडल के ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ. योगेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग पूरी तरह से मेंटेन किया जा रहा है। शासन से जो भी निर्देश प्राप्त हुए उसका पूरी तरह से पालन कराया जा रहा है। आज से कॉपियों का मूल्यांकन शुरू हुआ है। मूल्यांकन की पारदर्शिता को बरकरार रखने के लिए हर कक्ष में सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। गोरखपुर मंडल के हर जिले में मूल्यांकन कार्य आज से शुरू किया गया है।
गोरखपुर के डीआईओएस ज्ञानेन्द्र प्रताप सिंह भदौरिया ने बताया कि शहर के पांच केन्द्रों पर मूल्यांकन कार्य शुरू हो चुका है। लगभग 3000 शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य में लगाया गया है। उन्होंने बताया कि हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की कॉपियों का 15 दिन के भीतर मूल्यांकन का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि शासन के निर्देशों और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है।
गौरतलब है कि दो दिन मूल्यांकन कार्य होने के बाद ही लॉक डाउन की घोषणा कर दी गई थी। ऐसे में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों का सत्र लेट होने का संकट गहरा गया था। यही वजह है कि कॉपियों के मूल्यांकन कार्य को समय से पूरा कर सत्र को समय से शुरू करने के प्रयास के फलस्वरूप बोर्ड ने ये निर्णय लिया है।