पूर्व सैनिकों को रक्षा मंत्रालय ने दिया रोजगार का सुनहरा मौका, कानपुर में लगा रोजगार मेला
Kanpur News: देश की सेना में सेवा देने के बाद सेवानिवृत्त हुए पूर्व सैनिकों को एक बार फिर रोजगार का अवसर प्रदान करने के लिए कानपुर में आज पूर्व सैनिक रोजगार मेला का आयोजन किया गया.
UP News: देश की सेवा करने वाले सैनिकों को रिटायरमेंट और सेवा समाप्त होने के बाद लगातार बढ़ रही दोबारा नौकरी की तलाश ने परेशान कर दिया है. कड़ी मेहनत और परिश्रम से काम करने वाले हजारों सैनिक अब अपने पद के आगे पूर्व लिख जाने के बाद नई नौकरी की तलाश में जुटे हुए हैं. पूर्व सैनिकों की इस उलझन को देख रक्षा मंत्रालय ने ऐसे तमाम पूर्व सैनिकों के लिए एक खास अवसर निकाला है, जो उनकी समस्या को कम कर देगा.
वैसे तो नौकरी के लिए तमाम रोजगार मेले लगते आपने कई बार देखा होगा, लेकिन कानपुर में लगाए गए इस खास रोजगार मेले को सिर्फ पूर्व सैनिकों के लिए लगाया गया है, जिससे वो फिर से एक बार फिर नौकरी पाकर अपनी मेहनत को लोहा मनवा सकेंगे और अपने हुनर और योग्यता से अलग अलग संस्थानों और कंपनियों में काम कर सकेंगे, जिससे उन्हें आर्थीक सहायता भी मिल सकेगी.
पूर्व सैनिकों के लिए लगा जॉब मेला
कानपुर के डीजीआर कैंप में आयोजित जॉब फेयर में पूर्व सैनिकों को सेना की सेवा पूरी कर लेने के बाद एक नया मंच देकर यूं ही फिर से कम करने और यूं ही सेवानिवृत होने का अहसास न करने के चलते इस जॉब फेयर का आयोजन किया गया है. यह मेला 23 अगस्त को लगेगा. जिसे रक्षा मंत्रालय पूर्व सैनिक कल्याण विभाग के पुनर्वास महानिदेशालय की ओर से आयोजित किया गया हैं, जिसमें यूपी के अलग अलग जिलों से पूर्व सैनिक शामिल हुए हैं.
पूर्व सैनिकों के लिए नौकरी का सुनहरा मौका
उन्हें दोबारा एक नई नौकरी का अवसर देने के लिए रोजगार मेले के माध्यम से 41 कंपनियों ने अवसर खोल दिए , और इन कंपनियों ने मिलकर 1365 नौकरियों की पेशकश की ,जिसके चलते इस मेले में योग्यता के आधार पर साक्षात्कार, स्क्रीनिंग के बाद उन पूर्व सैनिकों को अलग अलग पदों के लिए निजी उद्यमियों और कंपनियों में काम करने का मौका अच्छी सैलरी के साथ मिलेगा.
कानपुर में जॉब फेयर का आयोजन
वहीं इस जॉब फेयर के आयोजन में आईएएस नितिन चंद्र जोकि ईएसडब्ल्यू विभाग के सचिव हैं. मुख्य अतिथि के रूप शामिल हुए तो वहीं लेफ्टिनेंट जनरल मुकेश चड्ढा के साथ अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक में लिमिटेड भी शामिल रहे. डीजीआर की ये जॉब फेयर एक नई पहल बनकर पूर्व सैनिकों के लिए दूसरे करियर के रूप में सामने आई, जिसने नौसेना, वायुसेना और थल सेना के 1573 पूर्व सैनिकों ने शामिल होकर अपना रजिस्ट्रेशन कराया.
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