Lockdown UP पूर्व डीजीपी ने किया अपने दरोगा और ट्रेनी आईपीएस को सैल्यूट, पुलिस कर्मियों का बढ़ाया हौसला
लॉक डाउन के चलते काम धंधा सब बंद है। ऐसे में वे गरीब मजदूर जो रोज कमाते खाते हैं उनके लिये लखनऊ पुलिस किसी फरिश्ते से कम नहीं है
लखनऊ, संतोष कुमार। कोरोना जैसी महामारी के बीच उत्तर प्रदेश पुलिस एक नायक की तरह उभरी है। उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी से लेकर सिपाही तक तक इस लॉक डाउन में भूखे प्यासे की मदद में सड़क पर उतरे और खाना-पानी बिस्कुट पहुंचाया। लेकिन इस सब के बीच लखनऊ पुलिस ने कुछ ऐसे प्रयास और काम किए कि जिसको देखकर उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह तक अपने अंडर ट्रेनी रहे आईपीएस और दरोगा को सैल्यूट करते हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस के मोस्ट डेकोरेटेड डीजीपी रहे विक्रम सिंह अमूमन पुलिस की कारगुजारियों पर बेबाकी से बोलने के लिए जाने जाते हैं। लेकिन विक्रम सिंह उत्तर प्रदेश पुलिस के एक आईपीएस और एक दरोगा को सैल्यूट करते हैं जो कभी उनके मातहत थे उनके अंडर ट्रेनी थे। पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे और हजरतगंज इंस्पेक्टर संतोष कुमार सिंह के इस लॉक डाउन के बीच भूखों को खाना खिलाने और बुजुर्गों की मदद करने के लिए बेबाकी से तारीफ कर रहे हैं।
दरअसल हजरतगंज पुलिस ने सोशल मीडिया के जरिए इस लॉक डाउन में जरूरतमंदों को लगातार राशन पहुंचाने और खाना खिलाने की अनोखी तरकीब निकाली है। लखनऊ पुलिस ने इलाके के उन लोगों को एक व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा है, जो गरीबों को खाना खिलाना चाहते हैं और राशन पहुंचाना चाहते हैं। इस ग्रुप के जरिए पुलिस बारी-बारी से हर स्थान पर लोगों को बताती है कि कब, कौन, कहां खाना खिलाएगा राशन पहुंचाएगा। पुलिस के कोशिश है कि एक ही दिन में कई लोग भोजन खिलाने के लिए तैयारी ना कर लें और फिर लंबे समय तक चलने वाले इस लॉक डाउन में आगे जाकर जरूरतमंदों को खाना ही ना मिले। पुलिस की इस मुहिम से जहां एक तरफ हर व्यक्ति को खाना खिलाने का मौका मिलेगा, तो वहीं दूसरी ओर जरूरतमंदों को लंबे समय तक पेट भी भरा जा सकेगा।