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Aziz Qureshi in Rampur: पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी बोले- 'मोदी और योगी सरकार को गहरे गड्ढे में दफन कर देना चाहिए'
पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने रामपुर में कहा कि लोकतांत्रिक तरीके से मोदी, अमित शाह और और योगी की सरकार को इतने गहरे गड्ढे में दफन करना चाहिए कि इनको दोबारा सांस लेने का मौका न मिल सके.
Ex-Governor Aziz Qureshi in Rampur: पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने रामपुर पहुंचकर जेल में बंद सपा सांसद आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा से उनके आवास पर मुलाकात की और उनका हाल-चाल जाना. इस दौरान मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ को नादिर शाह और महमूद गजनवी से भी क्रूर बता डाला. पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने आजम खान को लेकर कहा जो जुल्म उन पर हो रहा है, तारीख में ऐसी मिसाल नहीं मिलती.
'आजम खान के इतना जुल्म किसी पर नहीं हुआ'
उन्होंने कहा , "नादिर शाह या महमूद गजनवी हो और बहुत से लोग आए, लेकिन शायद उस जमाने में भी नाइंसाफी या इतना जुल्म नहीं हुआ हो, जितना आज आजम खान के साथ हो रहा है. इस जुल्म के खिलाफ जो आदमी यकीन रखता हो, गांधीवाद पर हर वह आदमी जो यकीन रखता हो, डेमोक्रेटिक तरीके से इन सब के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए."
पूर्व राज्यपाल ने कहा, "लोकतांत्रिक तरीके से मोदी, अमित शाह और और योगी की सरकार को इतने गहरे गड्ढे में दफन करना चाहिए कि इनको दोबारा सांस लेने का मौका न मिल सके. हर वह आदमी जो सेकुलरिज्म पर यकीन रखता है, तरक्की पसंदी पर, एक असम्प्रदायिक राष्ट्र के निर्माण पर, जिसका यकीन हिंदुस्तान के संविधान पर है, उसको हर संवैधानिक तरीका अपनाकर इनको उखाड़ कर कूड़ेदान में फेंक देना चाहिए. वहीं इनका अंजाम है, वहीं इनकी औकात है, वही इनका नसीब है."
पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने कहा, "हजारों लाशें गंगा में बहती रही, हजारों लोग जिनको दफन करने के बाद कुत्ते, गीदड़, भेड़िए, चील, गिद्ध, कौवे, जिनका मांस खाकर बिखेरते रहे, हजारों बेवाएं जिनके माथे के सिंदूर पोंछ दिए गए, हजारों बच्चे यतीम हो गए, हजारों बहनें जिनकी हाथों की राखियां घरों में रह गई, उनकी रूहें इंतकाम की मांग कर रही है."
'तो हर इंसान को बागी होना चाहिए'
वहीं, अजीज कुरैशी ने जौहर यूनिवर्सिटी को लेकर कहा कि यह नाइंसाफी, बेईमानी और धोखाधड़ी है. कैबिनेट ने जो प्रस्ताव पास कर दिया हो, उसका अधिकार ही नहीं किसी को कुछ करने का, उसके अलावा कोई कोर्ट नहीं गया तो उसको रिओपन करने का क्या मतलब है. आजम खान को इसलिए निशाना बनाया गया क्योंकि वे मुसलमान हैं, मुसलमानों की लड़ाई लड़ते हैं, वह मुसलमानों के लिए आवाज उठाते हैं, इसके अलावा और कोई वजह नहीं है. मुसलमानों के लिए आवाज उठाना अगर बगावत है तो हर इंसान को बागी होना चाहिए.
पूर्व राज्यपाल ने तीन कृषि कानून वापस लिए जाने पर कहा कि पीएम मोदी ने तो 15 लाख रुपए देने का भी ऐलान किया था. पीएम मोदी ने 10 करोड़ बेरोजगारों को रोजगार देने का वायदा भी किया था. जो कुछ हो रहा है यह सब आप देख रहे हैं. भुखमरी के हिसाब से हमारा हिंदुस्तान पहले 51वां नम्बर था, आज दुनिया में 101वें नम्बर पर हो गया है. हमसे अच्छे तो बांग्लादेश और पाकिस्तान है. पूरे मुल्क को अडानी और अंबानी के हाथ बेच दिया. प्लेटफॉर्म, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, इंडस्ट्री सब बेच दिए. इनका हिसाब तारीख और आने वाली नस्लें लेंगी. पूरे मुल्क में गरीब और गरीब और अमीर और अमीर होते जा रहे हैं. अजीज कुरैशी ने कहा कि कृषि कानून वापस तो हो गया लेकिन इस दौरान 700 किसान शहीद हुए, उनसे तो कोई मिलने नहीं गया.
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विनोद बंसलवीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता
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